आदेश मिलते ही लखनऊ में हो जाएगा ब्लैक आउट:लखनऊ के सभी पावर हाउस तैयार, वॉट्सऐप से लोगों को मिलेगी पावर कट की जानकारी

आदेश मिलते ही लखनऊ में हो जाएगा ब्लैक आउट:लखनऊ के सभी पावर हाउस तैयार, वॉट्सऐप से लोगों को मिलेगी पावर कट की जानकारी

लखनऊ में बिजली प्रबंधन ने इमरजेंसी स्थिति के लिए ब्लैक आउट की तैयारियां कर ली हैं। बिजली विभाग आदेश मिलते ही 2 मिनट में शहर में ब्लैक आउट कर देगा। इमरजेंसी की स्थिति में 33 केवी पावर हाउस से सीधे उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति बंद की जाएगी। इस कार्रवाई की जानकारी उपभोक्ताओं को वॉट्सऐप पर तुरंत मिलेगी। वॉट्सऐप से दी जाएगी बिजली बंद करने की सूचना प्रबंधन ने तय किया है कि सभी उपकेंद्र ऑपरेटरों के लिए सर्किल वाइज वॉट्सऐप ग्रुप बनाए जाएंगे। इन ग्रुप्स में अधीक्षण अभियंता के एक निर्देश पर ऑपरेटर एक मिनट के अंदर 33 केवी पैनल से बिजली आपूर्ति ठप कर देंगे। यह पूरी प्रक्रिया एक मानक SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के तहत संचालित होगी। सायरन बजे तो उपभोक्ता खुद बंद करें बिजली गर्मी के मौसम को देखते हुए बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं से भी सहयोग मांगा है। विभाग का कहना है कि अगर सायरन बजता है तो लोग खुद से अपने घरों और प्रतिष्ठानों की बिजली बंद कर लें। ऐसा करने से उपकेंद्र स्तर से बिजली काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी और ब्लैकआउट ऑपरेशन सुचारु रहेगा। बड़ी लाइनें बंद करना आसान नहीं बिजली विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 132 केवी और 220 केवी उपकेंद्रों से बिजली काटने के लिए स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से अनुमति लेनी होती है, जो प्रक्रिया में समय लेती है। ऐसे में तत्काल और प्रभावी कार्रवाई के लिए 33 केवी उपकेंद्रों को ब्लैकआउट की कमान दी जा रही है। जनरेटर-इनवर्टर ऑटो मोड में न रखें बिजली वितरण इकाई ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने घरों, दुकानों और फैक्ट्रियों में लगे जनरेटर और इनवर्टर को ऑटो मोड पर न रखें। ब्लैक आउट की स्थिति में जब जनरेटर अपने आप चालू हो जाते हैं, तो इससे सुरक्षा व्यवस्था पर असर पड़ सकता है। खासतौर से जब कोई आपातकालीन ऑपरेशन चल रहा हो, तो ये उपकरण बाधा बन सकते हैं। आपात स्थिति में तेजी से होगी कार्रवाई प्रबंधन का कहना है कि यह कवायद राजधानी को संभावित आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार रखने की दिशा में अहम कदम है। वॉट्सऐप जैसे त्वरित माध्यम से निर्देश देकर तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, जिससे किसी भी संकट की घड़ी में बिजली आपूर्ति नियंत्रित की जा सके।

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