जेल में ‘दिमागिया’ का खाना खाएंगे अनंत सिंह:हाथ जोड़कर जज से बोले- हुजूर ई केस में हम गलत फंस गेलिये, चुनाव तक जमानतिया नहीं लेंगे

जेल में ‘दिमागिया’ का खाना खाएंगे अनंत सिंह:हाथ जोड़कर जज से बोले- हुजूर ई केस में हम गलत फंस गेलिये, चुनाव तक जमानतिया नहीं लेंगे

मोकामा से जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह दुलारचंद यादव हत्याकांड मामले में पटना के बेऊर जेल में बंद हैं। बाहुबली नेता को बाकी कैदियों से अलग विशेष सुरक्षा में रखा गया है। उन्होंने चुनाव तक जेल से बाहर नहीं आने का फैसला किया है। इसलिए जमानत नहीं मांगेंगे। कोर्ट में पेशी के दौरान अनंत सिंह ने जज के सामने हाथ जोड़ लिए। अपने ठेठ अंदाज में कहा, ‘हुजूर ई केस में हम गलत फंस गेलिये, चुनाव तक जमानतिया नहीं लेंगे’। भास्कर की रिपोर्ट में जानें अनंत सिंह ने जज से क्या कहा? बेऊर जेल में उन्हें बॉडी मसाजर से लेकर रसोइया तक, किस तरह की सुविधाएं मिली हैं? पढ़िए पूरी बातचीत… जज के सामने जाते ही अनंत सिंह ने हाथ जोड़ लिया कोर्ट में अनंत सिंह व्हाइट ड्रेस में पहुंचे थे। आंखों पर काला चश्मा। अगल बगल पुलिसकर्मी थे। कोर्ट रूम में पहले से जज मौजूद थे। घुसते ही अनंत ने जज के सामने दोनों हाथ जोड़ लिए। इसके बाद कोर्ट की कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई। अनंत सिंह ने समर्थकों से कहा- जेल में ही रहूंगा अनंत सिंह के कोर्ट में पेशी के बाद कागजी प्रक्रिया पूरी हुई। वह कोर्ट रूम से परिसर में आए। उनके साथ मौजूद वकील और परिवार के करीबियों ने पूछा कि आगे बेल के लिए क्या करना है? अनंत सिंह ने जवाब दिया, ‘चुनाव भर बेल के लिए कहीं कोई अपील नहीं होगी। जेल में ही रहूंगा। मेरा चुनाव अब जनता लड़ेगी। जनता ही मेरा प्रचार प्रसार करेगी। मैं अभी जेल में ही रहूंगा।’ बेऊर जेल में अनंत सिंह को मिली क्या सुविधाएं? अनंत सिंह बेऊर जेल में बंद हैं। यहां पहले भी रहे हैं। उनके दोनों सेवादार मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम भी साथ हैं। इन्हें अनंत के साथ रखा गया है। जेलर ने बताया कि मोकामा विधायक विधानसभा चुनाव तक विशेष सुरक्षा में रहेंगे। मणिकांत और रंजीत दोनों सेवादार हैं। मणिकांत बॉडी मसाज में एक्सपोर्ट है तो रंजीत उर्फ दिमागिया खाना बहुत अच्छा बनाता है। अनंत सिंह को दिमागिया के हाथ का बना खाना बहुत पसंद है। उनके करीबियों की माने तो बचपन से दिमागिया साथ रहता है। वहीं, मणिकांत ठाकुर मालिश से थकान दूर करने में एक्सपर्ट है। अनंत सिंह को मणिकांत के हाथ में जादू लगता है। क्या जेल में होगी पीयूष प्रियदर्शी और अनंत सिंह की मुलाकात? अनंत सिंह के बाद अब मोकामा सीट से जनसुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के सिर पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। इस मामले में जिस तरह से चुनाव आयोग ने सख्ती की है, संभावना है कि उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है। अगर पीयूष को बेऊर जेल में रखा गया तो अनंत सिंह से उनकी मुलाकात भी हो सकती है। दुलारचंद हत्याकांड में अब तक क्या हुआ? 30 अक्टूबर: करीब 3:30 बजे जनसुराज के कैंडिडेट पीयूष प्रियदर्शी और अनंत सिंह का काफिला बसावनचक-खुशहालचक गांव के बीच सिंगल रोड पर फंस गया। दोनों प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच झगड़ा हुआ। इस दौरान जनसुराज के लिए प्रचार कर रहे दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई। आरोप अनंत सिंह पर लगे। 31 अक्टूबर: हत्याकांड के 29 घंटे बाद दुलारचंद यादव का अंतिम संस्कार किया गया। शव यात्रा पर पथराव हुआ। मोकामा से राजद प्रत्याशी वीणा देवी की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। 1 नवंबर: चुनाव आयोग ने सख्त कार्रवाई की। बाढ़ के SDM चंदन कुमार, ग्रामीण SP विक्रम सिहाग और बाढ़ के SDPO-1 राकेश कुमार को हटाया गया। 1 नवंबर: देर रात अनंत सिंह को गिरफ्तार किया गया। आधी रात को पुलिस उन्हें पटना लेकर आई। 2 नवंबर: अनंत सिंह को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया। 3 महीने बाद फिर से उनका ठिकाना बेऊर जेल बन गया। इससे पहले 6 अगस्त को अनंत सिंह मोकामा गोलीकांड में बेऊर जेल से बाहर आए थे। मोकामा से जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह दुलारचंद यादव हत्याकांड मामले में पटना के बेऊर जेल में बंद हैं। बाहुबली नेता को बाकी कैदियों से अलग विशेष सुरक्षा में रखा गया है। उन्होंने चुनाव तक जेल से बाहर नहीं आने का फैसला किया है। इसलिए जमानत नहीं मांगेंगे। कोर्ट में पेशी के दौरान अनंत सिंह ने जज के सामने हाथ जोड़ लिए। अपने ठेठ अंदाज में कहा, ‘हुजूर ई केस में हम गलत फंस गेलिये, चुनाव तक जमानतिया नहीं लेंगे’। भास्कर की रिपोर्ट में जानें अनंत सिंह ने जज से क्या कहा? बेऊर जेल में उन्हें बॉडी मसाजर से लेकर रसोइया तक, किस तरह की सुविधाएं मिली हैं? पढ़िए पूरी बातचीत… जज के सामने जाते ही अनंत सिंह ने हाथ जोड़ लिया कोर्ट में अनंत सिंह व्हाइट ड्रेस में पहुंचे थे। आंखों पर काला चश्मा। अगल बगल पुलिसकर्मी थे। कोर्ट रूम में पहले से जज मौजूद थे। घुसते ही अनंत ने जज के सामने दोनों हाथ जोड़ लिए। इसके बाद कोर्ट की कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई। अनंत सिंह ने समर्थकों से कहा- जेल में ही रहूंगा अनंत सिंह के कोर्ट में पेशी के बाद कागजी प्रक्रिया पूरी हुई। वह कोर्ट रूम से परिसर में आए। उनके साथ मौजूद वकील और परिवार के करीबियों ने पूछा कि आगे बेल के लिए क्या करना है? अनंत सिंह ने जवाब दिया, ‘चुनाव भर बेल के लिए कहीं कोई अपील नहीं होगी। जेल में ही रहूंगा। मेरा चुनाव अब जनता लड़ेगी। जनता ही मेरा प्रचार प्रसार करेगी। मैं अभी जेल में ही रहूंगा।’ बेऊर जेल में अनंत सिंह को मिली क्या सुविधाएं? अनंत सिंह बेऊर जेल में बंद हैं। यहां पहले भी रहे हैं। उनके दोनों सेवादार मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम भी साथ हैं। इन्हें अनंत के साथ रखा गया है। जेलर ने बताया कि मोकामा विधायक विधानसभा चुनाव तक विशेष सुरक्षा में रहेंगे। मणिकांत और रंजीत दोनों सेवादार हैं। मणिकांत बॉडी मसाज में एक्सपोर्ट है तो रंजीत उर्फ दिमागिया खाना बहुत अच्छा बनाता है। अनंत सिंह को दिमागिया के हाथ का बना खाना बहुत पसंद है। उनके करीबियों की माने तो बचपन से दिमागिया साथ रहता है। वहीं, मणिकांत ठाकुर मालिश से थकान दूर करने में एक्सपर्ट है। अनंत सिंह को मणिकांत के हाथ में जादू लगता है। क्या जेल में होगी पीयूष प्रियदर्शी और अनंत सिंह की मुलाकात? अनंत सिंह के बाद अब मोकामा सीट से जनसुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के सिर पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। इस मामले में जिस तरह से चुनाव आयोग ने सख्ती की है, संभावना है कि उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है। अगर पीयूष को बेऊर जेल में रखा गया तो अनंत सिंह से उनकी मुलाकात भी हो सकती है। दुलारचंद हत्याकांड में अब तक क्या हुआ? 30 अक्टूबर: करीब 3:30 बजे जनसुराज के कैंडिडेट पीयूष प्रियदर्शी और अनंत सिंह का काफिला बसावनचक-खुशहालचक गांव के बीच सिंगल रोड पर फंस गया। दोनों प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच झगड़ा हुआ। इस दौरान जनसुराज के लिए प्रचार कर रहे दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई। आरोप अनंत सिंह पर लगे। 31 अक्टूबर: हत्याकांड के 29 घंटे बाद दुलारचंद यादव का अंतिम संस्कार किया गया। शव यात्रा पर पथराव हुआ। मोकामा से राजद प्रत्याशी वीणा देवी की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। 1 नवंबर: चुनाव आयोग ने सख्त कार्रवाई की। बाढ़ के SDM चंदन कुमार, ग्रामीण SP विक्रम सिहाग और बाढ़ के SDPO-1 राकेश कुमार को हटाया गया। 1 नवंबर: देर रात अनंत सिंह को गिरफ्तार किया गया। आधी रात को पुलिस उन्हें पटना लेकर आई। 2 नवंबर: अनंत सिंह को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया। 3 महीने बाद फिर से उनका ठिकाना बेऊर जेल बन गया। इससे पहले 6 अगस्त को अनंत सिंह मोकामा गोलीकांड में बेऊर जेल से बाहर आए थे।  

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