ट्रम्प प्रशासन ने अपनी नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी (NSS) में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत अमेरिका अब रूस को ‘खतरा’ नहीं कहेगा। यह ट्रम्प की अमेरिका फर्स्ट नीति पर आधारित है। रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने समाचार एजेंसी TASS को बताया कि अमेरिका ने शुक्रवार को 29 पन्नों का एक दस्तावेज जारी किया। अब अमेरिका रूस के लिए ‘डायरेक्ट थ्रेट’ और दुश्मन कहने वाली भाषा का इस्तेमाल नहीं करेगा। रूस ने इस बदलाव का स्वागत किया है। क्रीमिया को 2014 में रूस में मिलाने और 2022 में यूक्रेन पर पूर्ण हमले के बाद से अमेरिका रूस को बड़ा खतरा मानता रहा है। अब नई नीति में रूस के तरफ नरमी बरती गई है और कुछ मुद्दों पर सहयोग करने की बात कही गई है। वहीं ट्रम्प प्रशासन ने यूरोप की आलोचना करते हुए कहा कि उसका वजूद खत्म हो रहा है। अमेरिका की विदेश नीति- जो फायदेमंद हो वहीं करो यह नया अमेरिकी दस्तावेज ट्रम्प के “लचीले यथार्थवाद” (flexible realism) के सिद्धांत पर आधारित है। इसके मुताबिक अब अमेरिका की विदेश नीति बस उसके हितों पर बेस्ड होगी। इसका एकमात्र मापदंड होगा “अमेरिका के लिए जो सबसे ज्यादा फायदेमंद है, वहीं करो”। दस्तावेज में यूक्रेन जंग को जल्द से जल्द खत्म करने की बात कही गई है। इसे अमेरिका का खास ऐजेंडा बताया गया है। साथ ही रूस के साथ फिर से रणनीतिक स्थिरता बहाल करने की इच्छा जताई गई है, ताकि परमाणु हथियारों की होड़ और यूरोप में बड़े युद्ध का खतरा कम हो। ट्रम्प ने ऐसा क्यों किया, 5 कारण… यूरोप को लेकर ट्रम्प को रुख कठोर दस्तावेज में कहा गया है, ‘राष्ट्रपति ट्रम्प की विदेश नीति में फायदा देखते हैं, लेकिन सिद्धांत नहीं छोड़ते, ताकत का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सिर्फ अमेरिका के हित के लिए, दुनिया को सुधारने की जिम्मेदारी नहीं लेते। इसमें आगे कहा गया है कि हम बहुत ताकतवर हैं और जरूरत पड़े तो इस्तेमाल करेंगे, लेकिन बेवजह युद्ध नहीं करेंगे। ट्रम्प की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (NSS) ने न केवल रूस के प्रति नरमी दिखाई है, बल्कि यूरोपीय सहयोगियों के तरफ एक कठोर रुख अपनाया है। ट्रम्प बोले- 20 साल से कम समय मे यूरोप का अस्तित्व मिट जाएगा रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में यूरोप को कड़ी चेतावनी दी गई है। दस्तावेज में कहा गया है कि अगर यूरोप की हरकत ऐसी ही रही तो 20 साल से भी कम समय में यूरोप का अस्तित्व मिट जाएगा। कई यूरोपीय देश इतने कमजोर हो जाएंगे कि वे अमेरिका के भरोसेमंद सहयोगी नहीं रह पाएंगे। ट्रम्प ने कहा कि अगर यूरोप को अमेरिका का विश्वसनीय सहयोगी बने रहना है तो उसे अपना रास्ता बदलना होगा। दस्तावेज में यूरोप में बड़े पैमाने पर हो रही आव्रजन नीतियों, जन्म दर में भारी गिरावट, राष्ट्रीय पहचान खोने और अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी जैसी बातों की कड़ी आलोचना की गई है। इसमें यूरोपीय संघ और दूसरे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं पर भी आरोप लगाया गया है कि वे देशों की संप्रभुता और राजनीतिक स्वतंत्रता को कमजोर कर रहे हैं। साथ ही यूरोप में उभर रहे “देशभक्त दलों” (patriotic parties) की तारीफ की गई है और कहा गया है कि अमेरिका अपने यूरोपीय सहयोगियों से अपेक्षा करता है कि वे राष्ट्रीय भावना को फिर से जगाएं। ट्रम्प की धमकी पर जर्मनी के विदेश मंत्री का बयान… ट्रम्प ने दस्तावेज को अमेरिका रोडमैप बताया ट्रम्प ने इस दस्तावेज को अमेरिका को “मानव इतिहास की सबसे महान और सफल राष्ट्र” बनाए रखने का रोडमैप बताया है।
रूस को ‘खतरा’ नहीं कहेगा अमेरिका:नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी में बदलाव; ट्रम्प बोले- यूरोप का वजूद खत्म हो रहा


