इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बदायूं में हुए अमर ज्योति यूनिवर्स निधि लिमिटेड ठगी प्रकरण में अंतिम सुनवाई की तारीख 12 नवंबर तय कर दी है। न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह और न्यायमूर्ति लक्ष्मी कांत शुक्ला की खंडपीठ ने कंपनी निदेशक शशिकांत मौर्य, सूर्यकांत और श्रीकांत की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि अगली तारीख पर कोई स्थगन स्वीकार नहीं किया जाएगा। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता 10 जुलाई से अंतरिम संरक्षण का लाभ ले रहे हैं, इसलिए अब मामले को लंबा खींचने की अनुमति नहीं दी जा सकती। न्यायालय ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को अपनी लिखित दलीलें पांच पृष्ठों से अधिक में न देने और 12 नवंबर को निर्धारित समय पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, अदालत ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को भी निर्देश दिया है कि वे शासन से ताजे निर्देश लेकर अदालत के समक्ष प्रस्तुत हों, ताकि सुनवाई के दिन कोई औपचारिकता बाकी न रह जाए।यह पूरा मामला अमर ज्योति फाइनेंस कंपनी द्वारा की गई करोड़ों की ठगी से जुड़ा है। आरोपियों ने बदायूं में कंपनी खोलकर सैकड़ों लोगों को निवेश के बदले मोटे ब्याज का प्रलोभन दिया। करोड़ों रुपये का गबन करने के बाद कंपनी फरार हो गई, जिससे कई परिवार सड़क पर आ गए। इस संबंध में बरेली से बदायूं तक कई एफआईआर दर्ज कराई गई हैं।जिला बार एसोसिएशन के महासचिव अरविंद कुमार सिंह परमार ने बताया कि यह मामला अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। चार एफआईआर में दर्ज ठगी प्रकरण के मुख्य आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए न्यायालय की शरण में हैं। बदायूं में हजारों निवेशक अपने पैसों की वापसी की राह देख रहे हैं। अदालत के सख्त रुख से पीड़ितों में उम्मीद जगी है कि आगामी सुनवाई में ठोस फैसला आएगा और दोषियों की गिरफ्तारी व निवेशकों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया तेजी पकड़ेगी।


