कुछ समय पहले इंफोसिस (Infosys) के मालिक नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने कुछ ऐसा कहा था जिससे उनकी काफी आलोचना हुई थी। नारायण मूर्ति () ने कहा था कि भारत की वर्क प्रोडक्टिविटी काफी कम है और इसलिए देश के युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। अपने विवादित बयान के लिए नारायण मूर्ति को देशभर में विरोध का सामना करना पड़ा था। अब दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क (Elon Musk) ने कुछ ऐसा कह दिया है जिससे उन्होंने विवादित बयान के मामले में नारायण मूर्ति को भी पीछे छोड़ दिया हैं। मस्क का बयान भी हफ्तेभर के काम से ही जुड़ा है।
“DOGE कर रहा हफ्ते में 120 घंटे काम”
ट्रंप प्रशासन में मस्क को DOGE की ज़िम्मेदारी मिली है। कुछ समय पहले ही इस डिपार्टमेंट में भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू हुई थी जिसमें इच्छुक लोगों के लिए एक बड़ी शर्त यह भी थी कि उन्हें हफ्ते में 80 घंटे काम करना होगा। हालांकि अब मस्क ने कुछ ऐसा कहा है जिससे एक नया विवाद छिड़ गया है। मस्क ने सोशल मीडिया पर लिखा, “DOGE हफ्ते में 120 घंटे काम कर रहा है। हमारे ब्यूरोक्रेटस विरोधी आशावादी रूप से हफ्ते सिर्फ 40 घंटे काम करते हैं। इसीलिए वो इतनी तेज़ी से पिछड़ रहे हैं।”
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एलन हुए आलोचना के शिकार
अपने इस बयान के लिए मस्क आलोचना के शिकार हो रहे हैं। कई लोग मस्क की इस बात को बकवास बता रहे हैं और कह रहे हैं उनकी यह कार्यनीति न सिर्फ लोगों के खिलाफ है, बल्कि उनके परिवार के भी खिलाफ है। कई लोग इसे पागलपन बता रहे हैं।
क्या है DOGE?
अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन में मस्क के नेतृत्व में डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (Department Of Government Efficiency – DOGE) का गठन किया गया है। डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी का लक्ष्य अमेरिका में सरकारी नौकरशाही को खत्म करना, अतिरिक्त नियमों को कम करना, फिजूल खर्चों में कटौती करना और संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन में मदद करना है।
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