AIMIM नेता ने सैनिक कैंप भूमि चयन पर पुनर्विचार मांगा:250 एकड़ में धार्मिक स्थल और आबादी प्रभावित होने की आशंका, उप मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

AIMIM नेता ने सैनिक कैंप भूमि चयन पर पुनर्विचार मांगा:250 एकड़ में धार्मिक स्थल और आबादी प्रभावित होने की आशंका, उप मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और बिहार विधानसभा में फ्लोर लीडर अख्तरुल ईमान ने कोचाधामन विधायक सरवर आलम के साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मुलाकात की। उन्होंने किशनगंज जिले के कोचाधामन और बहादुरगंज अंचल में प्रस्तावित सैनिक स्टेशन के लिए चयनित भूमि पर पुनर्विचार की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। यह प्रस्तावित भूमि कोचाधामन अंचल के सतभीट्टा और कन्हैयाबाड़ी मौजा, तथा बहादुरगंज अंचल के शकोर और नटवापाड़ा मौजा में स्थित है। ज्ञापन में बताया गया है कि इन क्षेत्रों में धार्मिक स्थल, सैकड़ों परिवारों की आवासीय बस्तियां और पीढ़ियों से चल रही खेती-पशुपालन प्रभावित हो सकते हैं। ग्रामीणों में गहरी चिंता और असंतोष अख्तरुल ईमान ने जानकारी दी कि लगभग 250 एकड़ के इस क्षेत्र में ईदगाह, मस्जिद, कब्रिस्तान और घनी आबादी है। इस कारण ग्रामीणों में गहरी चिंता और असंतोष व्याप्त है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनभावनाओं और सामाजिक सद्भाव से समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पूरे मामले को गंभीरता से सुना। उन्होंने संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सेना कैंप का किसानों ने किया विरोध उल्लेखनीय है कि किशनगंज जिले के कोचाधामन और बहादुरगंज अंचल की सीमा पर प्रस्तावित सेना कैंप का बीते दिनों किसानों ने भी विरोध किया था। सतभीट्टा, सकोर और नटुआ पाड़ा मौजा के किसानों ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के खिलाफ किशनगंज के अधिकारियों को आवेदन दिया था। AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और बिहार विधानसभा में फ्लोर लीडर अख्तरुल ईमान ने कोचाधामन विधायक सरवर आलम के साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मुलाकात की। उन्होंने किशनगंज जिले के कोचाधामन और बहादुरगंज अंचल में प्रस्तावित सैनिक स्टेशन के लिए चयनित भूमि पर पुनर्विचार की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। यह प्रस्तावित भूमि कोचाधामन अंचल के सतभीट्टा और कन्हैयाबाड़ी मौजा, तथा बहादुरगंज अंचल के शकोर और नटवापाड़ा मौजा में स्थित है। ज्ञापन में बताया गया है कि इन क्षेत्रों में धार्मिक स्थल, सैकड़ों परिवारों की आवासीय बस्तियां और पीढ़ियों से चल रही खेती-पशुपालन प्रभावित हो सकते हैं। ग्रामीणों में गहरी चिंता और असंतोष अख्तरुल ईमान ने जानकारी दी कि लगभग 250 एकड़ के इस क्षेत्र में ईदगाह, मस्जिद, कब्रिस्तान और घनी आबादी है। इस कारण ग्रामीणों में गहरी चिंता और असंतोष व्याप्त है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनभावनाओं और सामाजिक सद्भाव से समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पूरे मामले को गंभीरता से सुना। उन्होंने संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सेना कैंप का किसानों ने किया विरोध उल्लेखनीय है कि किशनगंज जिले के कोचाधामन और बहादुरगंज अंचल की सीमा पर प्रस्तावित सेना कैंप का बीते दिनों किसानों ने भी विरोध किया था। सतभीट्टा, सकोर और नटुआ पाड़ा मौजा के किसानों ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के खिलाफ किशनगंज के अधिकारियों को आवेदन दिया था।  

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