AI selfie Cancer Diagnosis : AI और कैंसर शायद सुनने में थोड़ा अजीब लगे पर ये दोनों मिलकर कैंसर की लड़ाई में कमाल के काम कर रहे हैं। क्या आपने कभी सोचा है सेल्फी देखकर स्किन कैंसर का पता लगाना या स्कैन में ट्यूमर को डॉक्टर से भी तेजी से पहचानना। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कैंसर से लड़ने में बड़ा रोल निभा रहा है।
एक नई रिसर्च तो और भी कमाल की है – ये बताती है कि AI सिर्फ आपका चेहरा देखकर आपकी ‘बायोलॉजिकल उम्र’ बता सकता है (यानी आपका शरीर अंदर से कितना फिट या बूढ़ा है)। और ये जानने से शायद इस बात का अंदाज़ा लग सके कि कैंसर का इलाज आप पर कितना असर करेगा। है ना ये एकदम नई बात?
हालांकि AI अभी डॉक्टरों की जगह नहीं ले रहा है पर ये एक बहुत ताकतवर औज़ार (Powerful tool) बन गया है जो लोगों की जान बचाने में मदद कर रहा है। कैंसर के इलाज का भविष्य अब और भी स्मार्ट हो गया है।
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Mass General Brigham के रिसर्चर्स ने PassAge नाम का एक AI tool बनाया है, जो चेहरे की खासियतों को देखकर बताता है कि किसी इंसान की बायोलॉजिकल उम्र क्या है।
यह तकनीक अब डॉक्टरों को यह समझने में मदद कर रही है कि कैंसर का इलाज किस मरीज़ पर कितना असर करेगा।
क्या होती है बायोलॉजिकल एज? (What is Biological Age?)
बायोलॉजिकल एज वो उम्र होती है जो हमारे शरीर की असली स्थिति को दर्शाती है, ना कि केवल हमारे जन्म प्रमाणपत्र की तारीख। इसमें हमारी जीवनशैली, जेनेटिक्स और वातावरण का बड़ा योगदान होता है।
FaceAge चेहरे की त्वचा, झुर्रियों और हावभाव का विश्लेषण करके यह अनुमान लगाता है कि आप अंदर से कितने स्वस्थ हैं।
FaceAge का असर: डॉक्टर + AI = और बेहतर भविष्यवाणी
इस AI मॉडल को 59,000 से ज्यादा स्वस्थ लोगों की तस्वीरों से ट्रेन किया गया है। कैंसर मरीजों पर जब इसे आजमाया गया, तो यह पाया गया कि:
जिन मरीज़ों की FaceAge उनकी असली उम्र से ज़्यादा थी, उनकी सर्वाइवल रेट कम थी।
जब डॉक्टरों ने FaceAge की मदद ली, तो 6 महीने की सर्वाइवल प्रेडिक्शन की सटीकता 61% से बढ़कर 80% हो गई।
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इलाज की रणनीति में बड़ा बदलाव
FaceAge जैसे टूल्स से डॉक्टर अब मरीज़ की बायोलॉजिकल उम्र के आधार पर इलाज की योजना बना सकते हैं।
उदाहरण के लिए, एक 75 वर्षीय फिट व्यक्ति जिसकी जैविक उम्र 65 है, इलाज को बेहतर तरीके से सह सकता है बनिस्बत उस 60 वर्षीय मरीज़ के जिसकी जैविक उम्र 70 हो।
भविष्य की झलक: मरीजों के हाथ में ज़्यादा जानकारी
FaceAge जैसे टूल्स मरीज़ों को उनकी असली सेहत के बारे में जानकारी देते हैं, जिससे वे जीवनशैली में बदलाव कर सकते हैं और बेहतर इलाज के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं।
AI अब सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि हेल्थकेयर का सहायक बन चुका है। एक साधारण सेल्फी अब ज़िंदगी और मौत के बीच का अंतर समझाने में मदद कर सकती है।
FaceAge की ये खोज कैंसर ट्रीटमेंट को और व्यक्तिगत, सटीक और असरदार बना रही है।
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