खगड़िया जिले के चौथम प्रखंड की पूर्वी बौरने पंचायत के बौरने स्थान में अगहन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी को माता भगवती विषहरा की पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं और भक्तों ने पूजा-अर्चना कर माता का आशीर्वाद प्राप्त किया। ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से पूजा करने वालों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मन्नतें पूरी होने पर श्रद्धालु छागर की बलि और प्रसाद चढ़ाकर माता भगवती की पूजा करते हैं। मेला कमेटी और ग्रामीणों द्वारा आयोजित भजन-कीर्तन के साथ-साथ बच्चों के झूले और खिलौने की दुकानें मेले का मुख्य आकर्षण रहीं। मंदिर से जुड़े पंडित हरिवंश पाठक और कमलाकांत पाठक ने बताया कि वर्षों से माता भगवती की स्थापना के बाद से हर अगहन पंचमी को पूजा-अर्चना होती है। ग्रामीण सुबोध कुमार सिंह और अन्य ने कहा कि यह मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। खगड़िया जिले के चौथम प्रखंड की पूर्वी बौरने पंचायत के बौरने स्थान में अगहन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी को माता भगवती विषहरा की पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं और भक्तों ने पूजा-अर्चना कर माता का आशीर्वाद प्राप्त किया। ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से पूजा करने वालों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मन्नतें पूरी होने पर श्रद्धालु छागर की बलि और प्रसाद चढ़ाकर माता भगवती की पूजा करते हैं। मेला कमेटी और ग्रामीणों द्वारा आयोजित भजन-कीर्तन के साथ-साथ बच्चों के झूले और खिलौने की दुकानें मेले का मुख्य आकर्षण रहीं। मंदिर से जुड़े पंडित हरिवंश पाठक और कमलाकांत पाठक ने बताया कि वर्षों से माता भगवती की स्थापना के बाद से हर अगहन पंचमी को पूजा-अर्चना होती है। ग्रामीण सुबोध कुमार सिंह और अन्य ने कहा कि यह मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है।


