भीलवाड़ा। आतंकी हमले को लेकर हुई एयर स्ट्राइक के बाद चित्तौड़गढ़ रोड पर बीएसएल फैक्ट्री में भीषण अग्निकांड की खबर से अफरातफरी मच गई। आला अधिकारियों की गाड़ी शहर से 16 किलोमीटर दूर बीएसएल की तरफ दौड़ पड़ी। पुलिस, चिकित्सा, नागरिक सुरक्षा, बिजली, आपदा प्रबंधन व दमकल शाखा की टीम भी घटनास्थल पहुंची। सोलह किलोमीटर दूर घटनास्थल पर पहुंचने में सभी टीमों को 20 से 25 मिनट का समय लगा।
उधर, बीएसएल लिमिटेड परिसर में स्थानीय प्रबंधन भी आग बुझाने, घायलों को प्राथमिक सहायता के लिए मशक्कत करता नजर आया। यह सब कुछ बुधवार शाम करीब चार बजे जिला प्रशासन की ओर से सिविल सर्विसेज अभ्यास को लेकर बीएसएल परिसर में की गई मॉक ड्रिल का हिस्सा था। जिला कलक्टर जसमीत सिंह संधू ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान परखा गया कि जिले में आकस्मिक घटना होने पर हालात से निपटने के लिए हमारे प्रशासनिक विभाग कितने मुस्तैद हैं और सुरक्षा व्यवस्था कितनी मुस्तैद है। उन्होंने मॉक ड्रिल के दौरान सभी विभागों की तत्परता को सराहा।
फैक्ट्री में अपराह्न 3:55 बजे बजा सायरन
जिला प्रशासन ने मॉक ड्रिल के लिए शहर से 16 किलोमीटर दूर बीएसएल औद्योगिक इकाई को चुना। एचआर हैड संजय त्रिपाठी ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर मॉक ड्रिल हुई। इस दौरान परिसर में आठ सौ श्रमिक मौजूद थे। यहां अपराह्न 3:55 बजे फैक्ट्री का सायरन बजा। यहां से जिला कलक्ट्रेट व पुलिस कंट्रोल रूम को फैक्ट्री के स्पिनिंग डिविजन परिसर में भीषण आग लगने की सूचना दी। इसमें बताया कि यहां पचास से अधिक श्रमिक फंसे हैं और भारी नुकसान हुआ। इस दौरान स्थानीय अग्निश्मन अधिकारी अनिकेत त्रिवेदी व सहायक महाप्रबंधक रामदयाल जाट मौजूद थे। त्रिपाठी ने बताया कि मॉक ड्रिल करीब पचास मिनट की रही।
कंट्रोल रूम को सूचना देने के करीब 15 मिनट बाद एक के बाद एक गाड़ी आने का सिलसिला शुरू हो गया। दमकलों के सायरन गूंज उठे। नेशनल हाइवे को अलर्ट कर दिया गया। जिला पुलिस के साथ ही सदर, मंगरोप व हमीरगढ़ थाने का पुलिस का जाप्ता भी मौके पर आ गया। दमकल कर्मी, आपदा प्रबंधन व नागरिक सुरक्षा विभाग की टीमें बचाव में जुट गईं। मौके पर सबसे पहले 4:15 बजे नागरिक सुरक्षा विभाग की टीम दो बसों के साथ पहुंची।
कलक्टर व एसपी ने देखा बचाव कार्य
जिला कलक्टर जसमीत सिंह संधू, पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह यादव, एडीएम ओपी मेहरा व प्रतिभा देवठिया भी जल्द मौके पर आ गए। संधू व यादव ने यहां बचाव कार्य की व्यवस्था संभाली। एडीएम मेहरा भी मय टीम के जुट गए। सीईओ चन्द्रभान सिंह भाटी, सदर डिप्टी श्यामसुंदर विश्नोई, नगर निगम आयुक्त हेमाराम चौधरी, सीएमएचओ डॉ. सीपी गोस्वामी, अजमेर डिस्कॉम एसई वीके संचेती व एक्सइएन ओपी खटोड़, रेलवे स्टेशन अधीक्षक आर के विजयवर्गीय, आरपीएफ प्रभारी रेखा गुर्जर, दमकल अधिकारी छोटूराम के साथ ही विभिन्न विभागों के अधिकारी मौके पर आ गए। नगर निगम महापौर राकेश पाठक ने भी मौका मुआयना किया।
श्रमिकों को बाहर निकाला
आपदा प्रबंधन की टीम ने आग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने, एंबुलेंस तक पहुंचाने तथा चिकित्सा टीम ने घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की मॉक ड्रिल की। इस दौरान नागरिक सुरक्षा विभाग के वार्डन गोपाल बांगड ने टीम को निर्देशन दिया।
स्कूल को बनाया आश्रय स्थल
जिला प्रशासन ने रामनगर राजकीय विद्यालय परिसर को आश्रय स्थल बनाया। इसी प्रकार गंभीर घायलों को एमजी चिकित्सालय भिजवाने की व्यवस्था की।
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