कटिहार के कुरसेला नगर पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय कुरसेला में सरकारी धन के दुरुपयोग और गबन का गंभीर मामला सामने आया है। नगर पंचायत के वार्ड 01 के वार्ड पार्षद और स्कूल के पदेन अध्यक्ष पवन कुमार यादव ने इस संबंध में जिला पदाधिकारी को लिखित आवेदन देकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक ध्रुवनारायण के खिलाफ तत्काल जांच की मांग की है। वार्ड पार्षद ने आरोप लगाया है कि सफाईकर्मी और रसोइया दोनों का पैसा एक ही खाते में भेजा जाता है, जो एक गंभीर वित्तीय अनियमितता है। उन्होंने इसे सुनियोजित गबन बताया है। उनके अनुसार, रसोइया पूनम देवी के खाते में सफाईकर्मी के नाम पर सरकारी राशि भेजी जाती है, जिससे सरकारी धन की हेराफेरी की जा रही है। 2 साल से सफाईकर्मी के नाम पर मिल रहा पैसा विद्यालय की रसोइया पूनम देवी ने बताया कि पिछले दो वर्षों से उनके खाते में सफाईकर्मी के नाम पर सरकारी राशि आ रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानाध्यापक ने इस वर्ष दो बार उनके खाते से 9-9 हजार रुपये यह कहकर निकाले कि यह उनके पुत्र द्वारा भेजे गए पैसे हैं। हालांकि, यह राशि वास्तव में सफाईकर्मी के नाम पर एक एनजीओ द्वारा भेजी जाती थी। वार्ड पार्षद और स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरा मामला नगर पंचायत और शिक्षा विभाग के संसाधनों के दुरुपयोग का प्रतीक है। इससे न केवल सरकारी फंड का नुकसान हो रहा है, बल्कि विद्यालय स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्कूल में नहीं है स्थायी सफाईकर्मी वहीं, इस मामले में प्रधानाध्यापक ध्रुवनारायण ने अपनी सफाई दी। उन्होंने बताया कि स्कूल में कोई स्थायी सफाईकर्मी नहीं है, क्योंकि 1500 रुपए प्रति माह के वेतन पर कोई भी स्कूल परिसर की साफ-सफाई नहीं करना चाहता। प्रधानाध्यापक के अनुसार, इस कारण बाहर से लोगों से सफाई करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि सफाईकर्मी का सरकारी पैसा एनजीओ द्वारा स्कूल की रसोइया पूनम देवी के खाते में भेजा जाता है, और फिर रसोइया के खाते से पैसे निकालकर स्कूल की साफ-सफाई का काम करवाया जाता है। कटिहार के कुरसेला नगर पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय कुरसेला में सरकारी धन के दुरुपयोग और गबन का गंभीर मामला सामने आया है। नगर पंचायत के वार्ड 01 के वार्ड पार्षद और स्कूल के पदेन अध्यक्ष पवन कुमार यादव ने इस संबंध में जिला पदाधिकारी को लिखित आवेदन देकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक ध्रुवनारायण के खिलाफ तत्काल जांच की मांग की है। वार्ड पार्षद ने आरोप लगाया है कि सफाईकर्मी और रसोइया दोनों का पैसा एक ही खाते में भेजा जाता है, जो एक गंभीर वित्तीय अनियमितता है। उन्होंने इसे सुनियोजित गबन बताया है। उनके अनुसार, रसोइया पूनम देवी के खाते में सफाईकर्मी के नाम पर सरकारी राशि भेजी जाती है, जिससे सरकारी धन की हेराफेरी की जा रही है। 2 साल से सफाईकर्मी के नाम पर मिल रहा पैसा विद्यालय की रसोइया पूनम देवी ने बताया कि पिछले दो वर्षों से उनके खाते में सफाईकर्मी के नाम पर सरकारी राशि आ रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानाध्यापक ने इस वर्ष दो बार उनके खाते से 9-9 हजार रुपये यह कहकर निकाले कि यह उनके पुत्र द्वारा भेजे गए पैसे हैं। हालांकि, यह राशि वास्तव में सफाईकर्मी के नाम पर एक एनजीओ द्वारा भेजी जाती थी। वार्ड पार्षद और स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरा मामला नगर पंचायत और शिक्षा विभाग के संसाधनों के दुरुपयोग का प्रतीक है। इससे न केवल सरकारी फंड का नुकसान हो रहा है, बल्कि विद्यालय स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्कूल में नहीं है स्थायी सफाईकर्मी वहीं, इस मामले में प्रधानाध्यापक ध्रुवनारायण ने अपनी सफाई दी। उन्होंने बताया कि स्कूल में कोई स्थायी सफाईकर्मी नहीं है, क्योंकि 1500 रुपए प्रति माह के वेतन पर कोई भी स्कूल परिसर की साफ-सफाई नहीं करना चाहता। प्रधानाध्यापक के अनुसार, इस कारण बाहर से लोगों से सफाई करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि सफाईकर्मी का सरकारी पैसा एनजीओ द्वारा स्कूल की रसोइया पूनम देवी के खाते में भेजा जाता है, और फिर रसोइया के खाते से पैसे निकालकर स्कूल की साफ-सफाई का काम करवाया जाता है।


