सिटी रिपोर्टर | मानपुर। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए माह का सर्वश्रेष्ठ शिक्षक योजना शुरू की है। अप्रैल 2025 के लिए इस योजना के तहत गया जिले के मानपुर प्रखंड की शिक्षिका कुमारी आरती सिंह को चुना गया है। वे मध्य विद्यालय गेरे में कार्यरत हैं। आरती को यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए मिला है। आरती की इस उपलब्धि से उनके पैतृक गांव गेरे और मानपुर में खुशी की लहर है। बताया गया कि अप्रैल माह के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से कुल 61 शिक्षक-शिक्षिकाओं का चयन हुआ। गया जिले से केवल आरती सिंह को यह सम्मान मिला है। आरती ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि वे 2005 से मध्य विद्यालय गेरे में नियोजित शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं। कम संसाधनों में खेल और गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाई को रोचक बनाया। इससे बच्चे स्कूल आने के लिए प्रेरित हुए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में तत्कालीन एसीएस ने उन्हें माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया था। हर शनिवार को वे विशेष गतिविधियां करवाती हैं। इनमें आपदा के समय बचाव, बच्चों को गुड और बैड टच की जानकारी देना, टीसीएम बनाकर छोटे बच्चों को आसान भाषा में पढ़ाना शामिल है। सिटी रिपोर्टर | मानपुर। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए माह का सर्वश्रेष्ठ शिक्षक योजना शुरू की है। अप्रैल 2025 के लिए इस योजना के तहत गया जिले के मानपुर प्रखंड की शिक्षिका कुमारी आरती सिंह को चुना गया है। वे मध्य विद्यालय गेरे में कार्यरत हैं। आरती को यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए मिला है। आरती की इस उपलब्धि से उनके पैतृक गांव गेरे और मानपुर में खुशी की लहर है। बताया गया कि अप्रैल माह के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से कुल 61 शिक्षक-शिक्षिकाओं का चयन हुआ। गया जिले से केवल आरती सिंह को यह सम्मान मिला है। आरती ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि वे 2005 से मध्य विद्यालय गेरे में नियोजित शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं। कम संसाधनों में खेल और गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाई को रोचक बनाया। इससे बच्चे स्कूल आने के लिए प्रेरित हुए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में तत्कालीन एसीएस ने उन्हें माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया था। हर शनिवार को वे विशेष गतिविधियां करवाती हैं। इनमें आपदा के समय बचाव, बच्चों को गुड और बैड टच की जानकारी देना, टीसीएम बनाकर छोटे बच्चों को आसान भाषा में पढ़ाना शामिल है।
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