अंबाला में जल्द शुरू होगा एक स्विमिंग पूल:एक और के लिए करना होगा इंतजार, अस्थाई स्टाफ के आने का इंतजार; अनुमति मिली

अंबाला में जल्द शुरू होगा एक स्विमिंग पूल:एक और के लिए करना होगा इंतजार, अस्थाई स्टाफ के आने का इंतजार; अनुमति मिली

हरियाणा के अंबाला में सरकारी स्वीमिंग पूल के लिए जहां खेल विभाग को कर्मचारियों का स्टाफ रखने की अनुमति तो मिल गई लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत तो अब शुरू होगी। यह स्टाफ अंबाला कैंट के वार हीरोज के मेमोरियल स्टेडियम आल वैदर स्वीमिंग पूल के लिए तो मिल गया है लेकिन, बड़ागढ़ के खेल स्टेडियम में बने पूल के लिए स्टाफ ही नहीं यह सबसे बड़ी समस्या है। हालांकि खेल विभाग का दावा है कि यह पूल भी चलाया जाएगा लेकिन जो व्यवस्था खेल विभाग बना रहा है, उससे दोनों पूल प्रभावित होंगे। फिलहाल आल वैदर स्वीमिंग पूल के लिए स्टाफ रखने की तैयारियां की जा रही हैं। दूसरी ओर ग्रामीण अंचल में जो स्वीमिंग पूल की सौगात दशकों बाद मिली है, उसे चलाने पर अभी भी असमंजस की स्थिति है। अब देखना है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों व खिलाड़ियों को पूल की सुविधा मिल पाएगी या नहीं खेल विभाग का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया चल ही है, जबकि इसके पूरे होने के बाद पूल चलाया जा सकेगा। ये है स्थिति अंबाला कैंट के वार हीरोज मेमोरियल स्टेडियम में बने अंतरराष्ट्रीय स्तर के आल वैदर स्वीमिंग पूल को चलाने के लिए खेल विभाग ने मुख्यालय से 10 लोगों के स्टाफ की अनुमति मांगी थी। यह अनुमति तो मिल गई है और स्टाफ तैनात करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। अब बस इंतजार है तो सिर्फ तकनीकी स्टाफ का। माना जा रहा है जल्द ही इस पूल को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। अभी सीजन के करीब सवा दो माह निकल चुके हैं लेकिन खेल विभाग अब अपने बूते इसे चला रहा है। हालांकि अब तक गेस्ट के आधार पर पर्ची काटकर दो-तीन लोगों को पूल में आने की इजाजत थी लेकिन अब खेल विभाग अपने स्तर पर फीस तय कर जनता के लिए इसे खोलेगा। बड़ागढ़ स्टेडियम के पूल को चलाने पर संशय खेल विभाग के तहत शहजादपुर ब्लाक के गांव बड़ागढ़ में स्टेडियम तैयार किया है। जनवरी माह में सीएम नायब सिंह सैनी ने इसका उद्घाटन किया था। इस स्टेडियम में स्वीमिंग पूल तैयार किया है। यह पूल पहले तो खेल विभाग ने हैंडओवर ही नहीं लिया। इसमें खामियां दूर करने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को कहा गया। यह खामियां दूर की गई। खेल विभाग की ओर से पंचकूला से तैराकी कोच को तैनात किया लेकिन इस दौरान टेंडर न होने के कारण इस पूल को चलाया नहीं जा सका। विभाग की ओर से इसका ट्रायल भी लिया, जिसमें इसे ओके कर दिया। अब स्थिति ऐसी है कि खेल विभाग के पास जिला भर में महज एक ही कोच है। खिलाड़ियों का प्रशिक्षण हो सकता है प्रभावित विभाग का कहना है कोच को बड़ागढ़ स्टेडियम का कार्यभार सौंपा है। यदि ऐसा होता है तो दोनों पुल चल तो जाएंगे लेकिन खिलाड़ियों का प्रशिक्षण प्रभावित हो सकता है। स्टाफ की तैनाती के बिना यह पूल चलाना मुश्किल है। अब ग्रामीण अंचल के लोगों को यह पूल चले, इसके लिए अभी इंतजार करना होगा।

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