टैक्स कलेक्शन 7% बढ़ा लेकिन रिफंड्स 17.7% कम हुए:अप्रैल-अक्टूबर में ₹12.92 लाख करोड़ नेट कलेक्शन; सैलरीड और स्मॉल बिजनेस में बेहतर कमाई का संकेत

टैक्स कलेक्शन 7% बढ़ा लेकिन रिफंड्स 17.7% कम हुए:अप्रैल-अक्टूबर में ₹12.92 लाख करोड़ नेट कलेक्शन; सैलरीड और स्मॉल बिजनेस में बेहतर कमाई का संकेत

वित्त वर्ष 2025-26 के पहले सात महीनों में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन ₹12.92 लाख करोड़ रहा है। ये पिछले साल के इसी पीरियड के ₹12.07 लाख करोड़ से 7% ज्यादा है। लेकिन रिफंड्स में 17.7% की गिरावट आई, जो ₹2.42 लाख करोड़ रह गई। नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में पर्सनल इनकम टैक्स (सैलरीड और इंडिविजुअल्स का) और कॉर्पोरेट टैक्स (कंपनियों का) दोनों का बड़ा शेयर होता है। इसमें STT भी शामिल होता है। अप्रैल-अक्टूबर 2025 में टैक्स कलेक्शन क्यों बढ़ा कलेक्शन, रिफंड्स कम क्यों हुए डायरेक्ट टैक्स में ग्रोथ का मुख्य कारण सैलरीड लोगों और स्मॉल बिजनेस ओनर्स की बेहतर कमाई है। पिछले साल टैक्स रेट कट्स के बावजूद पर्सनल इनकम टैक्स मजबूत रहा। नॉन-कॉर्पोरेट टैक्सपेयर्स से कलेक्शन स्ट्रॉन्ग है। रिफंड्स कम होने की 2 वजहें ये हो सकती हैं: इकोनॉमी पर पॉजिटिव असर ये आंकड़े इकोनॉमी के लिए पॉजिटिव है, क्योंकि डायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू स्टेडी बढ़ रहा है। लेकिन STT फ्लैट होने से स्टॉक मार्केट में साइडवेज ट्रेंड का अंदाजा लगता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये टैक्स कंप्लायंस में सुधार दिखाता है, लेकिन रिफंड डिले से ट्रस्ट इश्यू हो सकता है। फ्यूचर में IPO बूम से STT बढ़ सकता है, जो टैक्स कलेक्शन को और बूस्ट देगा। गवर्नमेंट का प्लान टैक्स सिस्टम को और डिजिटल बनाना है, ताकि रिफंड प्रोसेसिंग तेज हो।

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