भास्कर न्यूज| महासमुंद/बागबाहरा सरकारी गोठान बंद हैं। छुट्टा मवेशियों को सड़क पर हादसों से बचाने और उनके सुरक्षित दाना-पानी का इंतजाम करने के लिए खल्लारी गांव के एक किसान ने कदम बढ़ाया है। गांव में अवारा घूमने वाले मवेशियों की सेवा करने के उद्देश्य से 150 गौवंशों के साथ गांव में ही गौशाला बना डाली डाली। खुद के खर्च से मवेशियों के लिए चारा पानी के अलावा देखरेख के लिए तीन चरवाहा को भी मासिक वेतन देकर में काम में रखा है। हम बात कर रहे हैं ऐतिहासिक धार्मिक दैवीय तीर्थ स्थल खल्लारी के ग्रामीण संतोष कुमार यादव की। उन्होंने जय ठाकुर देव गौ तीर्थ सेवार्थ गौठान के नाम से गौशाला की शुरूआत की है। गांव में अवारा घूमने वाले मवेशियों को वे पकड़ गौशाला में आश्रय दे रहे है। मवेशी भी अब सुरक्षित है। वे निस्वार्थ भाव से गौवंशों की सेवा कर रहे हैं। गौवंशों के भटकते रहने से गांव में किसानों की फसलों को भी नुकसान होता था। तो वहीं अधिकांशत: नेशनल हाईवे-353 में घूमते हुए मवेशी अक्सर वाहनों की चपेट में आ जाते थे। अब गौशाला में जाने के बाद से हादसों में कमी आई है। संतोष यादव बताते हैं कि आज से दो साल पहले उनके मन में विचार चल रहा था कि गांव में भटकते मवेशियों के लिए एक आश्रय स्थल निर्माण हो। उन्होंने अपने विचारों को गांव के प्रधान और सरपंच-पंचों के बीच रखी। सितंबर 2025 में पोला पर्व के शुभ दिन से गांव के ठाकुर देवता के पास गांव से प्रदत्त साढ़े तीन एकड़ शासकीय जमीन की साफ-सफाई कर गौशाला का शुभारंभ किया गया। सेवा के लिए तीन चरवाहे कैमरों से हो रही देखरेख मवेशियों की सेवा, देखभाल का खर्च संतोष स्वयं वहन कर रहें है। गोठान के मवेशियों को चराने के लिए तीन चरवाहे हैं। प्रति चरवाहे को रोज 250 रुपए के हिसाब से रोजी देते है। चारा और पानी की व्यवस्था के आलवा परिसर में सीसीटीवी के साथ लाइट की भी व्यवस्था की गई है। गौशाला में रखे मवेशियों की स्वास्थ्य परीक्षण की भी व्यवस्था की गई है। इसके लिए समय-समय पर उपचार के लिए स्थानीय पशु चिकित्सक बीआर पटेल जांच के लिए पहुंचते है। वर्तमान में मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए गौशाला में तिरपाल से छत बनाने की प्लानिंग संतोष कर रहे हैं।


