गहलोत ने हरमाड़ा-हादसे के बाद अब सीएम को लिखा पत्र:मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से तत्काल राहत राशि जारी करने की मांग

गहलोत ने हरमाड़ा-हादसे के बाद अब सीएम को लिखा पत्र:मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से तत्काल राहत राशि जारी करने की मांग

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के हरमाड़ा में डंपर हादसे के पीड़ितों को मुआवजा वितरण में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर जैसलमेर बस हादसे और मतोड़ा हादसे की तर्ज पर तत्काल मुआवजा जारी करने की मांग की है। गहलोत ने यह भी कहा कि अन्य राज्यों के मृतकों को भी इसमें शामिल किया जाए। गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखे पत्र में प्रदेश में हाल ही में हुई कई सड़क दुर्घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि जयपुर डंपर हादसा (13 मौत), भांकरोटा हादसा (20 मौत), मनोहरपुर-दौसा सड़क हादसा (11 मौत), मतोड़ा सड़क हादसा (15 मौत) जैसी भीषण दुर्घटनाओं के साथ-साथ जैसलमेर बस अग्निकांड (28 मौत) और एसएमएस अस्पताल अग्निकांड (8 मौत) जैसी घटनाओं की एक दुर्भाग्यपूर्ण श्रृंखला चल रही है। गहलोत ने मुआवजा देने में सरकार की कथित उदासीनता पर सवाल उठाया पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने मुआवजे में देरी पर चिंता जताते हुए लिखा कि 5 नवंबर को एसएमएस अस्पताल में पीड़ितों के परिजनों से मिलने पर उन्हें बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। सरकारी अधिकारियों ने परिजनों को सूचित किया था कि उन्हें पीएमएनआरएफ (PMNRF) से सहायता राशि और पात्र परिवारों को आयुष्मान (चिरंजीवी) दुर्घटना बीमा योजना का लाभ मिलेगा। गहलोत ने मुआवजा देने में सरकार की कथित उदासीनता पर सवाल उठाया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि पीड़ित किसी एक परिवार या समुदाय से नहीं थे, इसलिए उनके लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाने हेतु कोई धरना-प्रदर्शन भी नहीं हो रहा है। उन्होंने जोर दिया कि इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं होना चाहिए कि इन पीड़ितों के परिजनों को सहायता न दी जाए। मुआवजा मिलने में होने वाली देरी पर सरकार की संवेदनशीलता पर प्रश्न उठाते हुए गहलोत ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि इन हादसों के बाद पीड़ित परिवारों को संबल देने के लिए दी जाने वाली सरकारी मुआवजे की राशि देरी से घोषित होती है। कई बार तो परिजनों के धरने-प्रदर्शन एवं सामाजिक तथा राजनीतिक दबाव के बाद सहायता दी गई जो कि कहीं न कहीं संवेदनशीलता में कमी दिखाता है।

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