साइंस-फिक्शन पर आधारित फिल्म मानो या ना मानो: एनीथिंग इज पॉसिबल अपनी अनोखी कहानी और रहस्यमयी थीम को लेकर सुर्खियों में है। फिल्म में एक ऐसा किरदार दिखाया गया है जो 14 हजार सालों से जीवित है। इसी अद्भुत विचार के इर्द-गिर्द कहानी घूमती है। दैनिक भास्कर से बातचीत में एक्टर हितेन तेजवानी और निर्देशक योगेश पगारे ने बताया कि यह फिल्म न सिर्फ कल्पना की उड़ान है, बल्कि जीवन, समय और इंसान के अस्तित्व पर एक गहरी सोच भी प्रस्तुत करती है। आपकी साइंस-फिक्शन पर आधारित फिल्म मानो या ना मानो की कहानी क्या है? हितेन तेजवानी- जब मैंने पहली बार फिल्म का कॉन्सेप्ट सुना तो मुझे कहानी काफी इंट्रेस्टिंग लगी। इस कहानी में एक ऐसा शख्स है जो 14 हजार सालों से जी रहा है, और यही कहानी हमने दिखाई है कि कैसे और क्यों। उस इंसान ने अपने जीवन में इतना कुछ देख लिया है कि चाहे उसके साथ लड़ाई-झगड़ा कुछ भी हो, उसे फर्क नहीं पड़ता और यही स्थिरता, ठहराव मैंने अपने किरदार में लाने की कोशिश की है। मैंने अब तक जितने भी प्रोजेक्ट किए हैं, यह कहानी उन सबसे अलग है। जिस तरह से यह फिल्म इंडियन ऑडियंस के लिए लिखी गई है, वह इसे और भी इंट्रेस्टिंग बनाती है। साथ ही, यह फिल्म जिस हॉलीवुड फिल्म का रीमेक है, उसे मैंने अब तक नहीं देखा क्योंकि मैं बिल्कुल एक क्लीन स्लेट से शुरुआत करना चाहता था। फिल्म के किरदार में मैंने अपने रंग भरे हैं। योगेश पगारे- यह फिल्म हॉलीवुड फिल्म द मैन फ्रॉम द अर्थ का ऑफिशियल रीमेक है। ‘चिरंजीवी’ वाला कॉन्सेप्ट है इस फिल्म का। जब मैंने हॉलीवुड फिल्म देखी थी तो मैं हैरान रह गया और तभी सोच लिया था कि इस कहानी को हिंदी ऑडियंस तक पहुंचाऊं। मैंने फिल्म के मेकर्स से मेल करके परमिशन ली और फिर एक ऐसे शख्स की तलाश की जिन पर उम्र का असर नहीं होता वो हैं हितेन जी। उनके साथ काम करना बहुत अच्छा अनुभव रहा। फिल्म रीमेक है, इसका मतलब कॉपी-पेस्ट नहीं है बल्कि सब कुछ नए सिरे से लिखा और शूट किया गया है। फिल्म में ऐसा क्या नया है जिससे ऑडियंस खिंची चली आएगी? क्या कोई मैसेज छिपा है फिल्म में? हितेन तेजवानी- मेरा मानना है कि लोगों ने चिरंजीवी के बारे में जरूर सुना होगा, और यही जिज्ञासा कि ये कैसे संभव है उन्हें फिल्म की ओर खींच लाएगी। यह कहानी सोचने पर मजबूर करेगी कि अगर ऐसा वरदान आपको रियल लाइफ में मिल जाए, तो आप इसे वरदान मानेंगे या अभिशाप? मुझसे कोई पूछे तो मैं कहूंगा कि मैं आज में जीने वाला इंसान हूं। योगेश पगारे- देखिए, बचपन से हम 14 हजार सालों से जीने वाले लोगों की कहानियां सुनते आए हैं। मेरा मानना है कि आज भी साइंस हर जगह नहीं पहुंच पाई है। सोचिए, उस शख्स पर क्या बीतती होगी जो पृथ्वी पर 14 हजार सालों से जी रहा है! उसकी बातों पर कुछ लोग यकीन करते हैं, कुछ नहीं। उसने कितनी बार अपने अपनों को खोया होगा। तो फिल्म का मैसेज यही है कि आप मानो या ना मानो, लेकिन इस दुनिया में तरह-तरह की चीजें होती हैं जिन्हें आप एकदम से खारिज नहीं कर सकते। हितेन आपको सीरियल या फिल्म, किसमें काम करने में ज्यादा मजा आता है और किसका पेचेक ज्यादा मिलता है? हितेन तेजवानी- सीरियल इसलिए करता हूं क्योंकि एक एक्टर को रोज़ अपनी आर्ट फॉर्म का रियाज करना चाहिए। लेकिन सीरियल में कहानी आपको सेट पर ही पता चलती है और उसी हिसाब से आपको किरदार ढालना पड़ता है। फिल्म या वेब सीरीज़ करना इसलिए पसंद है क्योंकि आपके पास एक आर्क होता है कहानी तय होती है, और उसमें आप बहुत कुछ खुद से नहीं जोड़ सकते। लेकिन मजा दोनों में आता है। जहां तक पेचेक की बात है, तो बड़ी फिल्मों में ही यह संभव है। बॉलीवुड इंडस्ट्री में शिफ्टिंग ऑवर्स को लेकर नई बहस छिड़ी है, लेकिन टीवी इंडस्ट्री की तरफ से कुछ कहा नहीं गया, जबकि आपकी शिफ्ट्स भी 17–18 घंटे तक चलती हैं? हितेन तेजवानी- अब थोड़ा बदलाव आया है, सीरियल जगत में 13 घंटे से ज्यादा काम नहीं होता। यह बहुत ही सब्जेक्टिव मामला है। अगर मैंने अपने डायरेक्टर को पहले ही बता दिया कि मैं एक दिन में सिर्फ 8 घंटे शूट कर सकता हूं और चीजें क्लियर रखीं, तो आगे चलकर दिक्कत नहीं आती। देखिए, एक शो चलता है तो 150–200 से ज्यादा लोगों को काम मिलता है, सबका घर चलता है। इसलिए आपको खुद को खुशकिस्मत समझना चाहिए कि आपके पास काम है। मुझे ज्यादा काम करने से कोई परेशानी नहीं है बल्कि मैं तो संडे को भी छुट्टी नहीं लेता हूं। टीवी शो में फिलहाल बिग बॉस बड़ा चर्चित है। किसे सपोर्ट कर रहे हैं? क्या कहना चाहेंगे कंटेस्टेंट्स के लिए? हितेन तेजवानी- बिग बॉस से बाहर आई नतालिया के साथ मैंने हाल ही में एक गाने की शूटिंग खत्म की है, जल्द फिल्म की शूटिंग भी होगी। मैं तो यही कहूंगा कि जो भी बिग बॉस के घर में हैं, उन्हें मेरा सलाम! मैं खुद रह चुका हूं उस घर में, और जानता हूं कि यह कितना डिफिकल्ट गेम है। मेरे लिए सब विनर हैं। योगेश पगारे- मेरे ख्याल से इस बार बिग बॉस का शो ओवरऑल काफी एंटरटेनिंग है। मुझे स्ट्रॉन्ग कंटेस्टेंट्स में अमाल मलिक, फरहाना, गौरव अभिषेक और तान्या मित्तल लगते हैं। अमाल को लोग भले ही ‘दोगला’ बोलते हों, लेकिन वो बहुत जेन्युइन हैं अगर गलती करते हैं तो तुरंत सॉरी बोल देते हैं। और तान्या पर तो हमारी फिल्म का टाइटल बिल्कुल फिट बैठता है मानो या ना मानो, लेकिन शायद जो वो अपने बारे में बताती हैं, वह सच हो।


