बक्सर के प्रसिद्ध महादेवा घाट पर देव दीपावली के अवसर पर इस वर्ष भव्य आयोजन किया गया। मंगलवार शाम अंधेरा होते ही घाट और आसपास का पूरा क्षेत्र हजारों दीयों की रोशनी से जगमगा उठा। चौसा नगर पंचायत और महादेवा घाट के स्थानीय युवाओं ने मिलकर लगभग 10 हज़ार मिट्टी के दीप जलाए। दीपों को सजाने से पहले विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। पूजन कार्यक्रम का नेतृत्व पंडित आकाश तिवारी ने किया, जिन्होंने मंत्रोच्चारण के साथ गंगा मैया, भगवान शंकर और अन्य देवताओं का आह्वान किया। इस पूजा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और दीपदान कर अपने परिवार के कल्याण की कामना की। घाट को दीपों से सजाने में इन लोगों ने किया सहयोग घाट को दीपों से सजाने में अर्चित सिंह, सुजीत कुमार, रवि प्रसाद, संदीप कुमार, अभिनंदन यादव, गोलू यादव, डंपी सिंह, रामबाबू महतो, सुशील यादव, भूषण यादव, आलोक गुप्ता, गणेश गुप्ता और सूरज कुमार सहित कई स्थानीय युवाओं ने सहयोग किया। पूजा और दीपदान से प्राप्त होता हैं पुण्य ,कष्टों का होता है निवारण पंडित आकाश तिवारी ने देव दीपावली का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा की रात गंगा घाटों पर दीपदान का विशेष महत्व होता है। उन्होंने यह भी बताया कि काशी की तरह चौसा का महादेवा घाट भी धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है। महादेवा घाट के समीप गंगा नदी उत्तरवाहिनी है, जिसे हिंदू धर्म में शुभ माना गया है। गंगा के उत्तरायण प्रवाह में स्नान, पूजा और दीपदान करने से पुण्य प्राप्त होता है और कष्टों का निवारण माना जाता है। युवाओं ने घाट की साफ-सफाई और लाइट की व्यवस्था की स्थानीय युवाओं ने इस आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लिया। दीप सजाने, साफ-सफाई करने और श्रद्धालुओं की सहायता के लिए दर्जनों युवा पूरे दिन लगे रहे। युवाओं ने घाट की साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की थी। शाम होते ही जैसे ही दीप जलाए गए, पूरा महादेवा घाट रोशनी से भर गया। दूर-दूर तक फैली दीपमालाएं गंगा के जल पर प्रतिबिंबित होकर एक मनमोहक दृश्य प्रस्तुत कर रही थीं। बक्सर के प्रसिद्ध महादेवा घाट पर देव दीपावली के अवसर पर इस वर्ष भव्य आयोजन किया गया। मंगलवार शाम अंधेरा होते ही घाट और आसपास का पूरा क्षेत्र हजारों दीयों की रोशनी से जगमगा उठा। चौसा नगर पंचायत और महादेवा घाट के स्थानीय युवाओं ने मिलकर लगभग 10 हज़ार मिट्टी के दीप जलाए। दीपों को सजाने से पहले विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। पूजन कार्यक्रम का नेतृत्व पंडित आकाश तिवारी ने किया, जिन्होंने मंत्रोच्चारण के साथ गंगा मैया, भगवान शंकर और अन्य देवताओं का आह्वान किया। इस पूजा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और दीपदान कर अपने परिवार के कल्याण की कामना की। घाट को दीपों से सजाने में इन लोगों ने किया सहयोग घाट को दीपों से सजाने में अर्चित सिंह, सुजीत कुमार, रवि प्रसाद, संदीप कुमार, अभिनंदन यादव, गोलू यादव, डंपी सिंह, रामबाबू महतो, सुशील यादव, भूषण यादव, आलोक गुप्ता, गणेश गुप्ता और सूरज कुमार सहित कई स्थानीय युवाओं ने सहयोग किया। पूजा और दीपदान से प्राप्त होता हैं पुण्य ,कष्टों का होता है निवारण पंडित आकाश तिवारी ने देव दीपावली का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा की रात गंगा घाटों पर दीपदान का विशेष महत्व होता है। उन्होंने यह भी बताया कि काशी की तरह चौसा का महादेवा घाट भी धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है। महादेवा घाट के समीप गंगा नदी उत्तरवाहिनी है, जिसे हिंदू धर्म में शुभ माना गया है। गंगा के उत्तरायण प्रवाह में स्नान, पूजा और दीपदान करने से पुण्य प्राप्त होता है और कष्टों का निवारण माना जाता है। युवाओं ने घाट की साफ-सफाई और लाइट की व्यवस्था की स्थानीय युवाओं ने इस आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लिया। दीप सजाने, साफ-सफाई करने और श्रद्धालुओं की सहायता के लिए दर्जनों युवा पूरे दिन लगे रहे। युवाओं ने घाट की साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की थी। शाम होते ही जैसे ही दीप जलाए गए, पूरा महादेवा घाट रोशनी से भर गया। दूर-दूर तक फैली दीपमालाएं गंगा के जल पर प्रतिबिंबित होकर एक मनमोहक दृश्य प्रस्तुत कर रही थीं।


