नावादा में मगही मगध नागरिक संघ की बैठक:मगही भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

नावादा में मगही मगध नागरिक संघ की बैठक:मगही भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

नवादा में मगही मगध नागरिक संघ बुधवार को बैठक की। जिसमें मगही भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई। इस दौरान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पारस कुमार सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव में मगही अस्मिता की बात करने वालों को ही मगध में जीत का ताज मिलेगा। ‘मगही भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाना ज्वलंत मुद्दा’ श्री सिंह ने बताया कि मगही मगध नागरिक संघ कई वर्षों से मगही भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष कर रहा है। इस दिशा में कुछ हद तक सफलता भी मिली है और सरकार द्वारा कुछ मांगों को स्वीकार भी किया गया है। हालांकि, मगधवासियों के स्वाभिमान का प्रतीक मगही भाषा को अभी तक संवैधानिक दर्जा नहीं मिल पाया है, जो उनकी मुख्य मांग है। मुद्दे के समर्थन पर ही वोट दें उन्होंने मगध प्रमंडल के पांच लोकसभा और 26 विधानसभा क्षेत्रों के सभी मगही भाषियों से अपील की। उन्होंने कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र के उम्मीदवारों से, चाहे वे किसी भी दल के हों, इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करें। श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि मगध क्षेत्र के अन्य मुद्दों के साथ-साथ मगही भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाना भी एक ज्वलंत मुद्दा है। उन्होंने मतदाताओं से कहा कि यदि उम्मीदवार इस मुद्दे का समर्थन करेंगे, तभी उनका मतदान उनके पक्ष में होगा। चुनावी घोषणापत्र में इसे शामिल करने का अनुरोध संघ ने इससे पहले भी सभी पंजीकृत राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर इस मुद्दे को चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने का अनुरोध किया है। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों और संघ की प्रदेश समिति व जिला समिति के सदस्यों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में इस मुद्दे का प्रचार-प्रसार करने का संकल्प लिया। बैठक में ये लोग रहे शामिल बैठक में जिला समिति के अध्यक्ष गौतम कुमार सरगम, प्रवक्ता रविंदर सिंह, सचिव नीतिश कपूर, उपदेष्टा डॉ. भागवत प्रसाद, सदस्य दयानंद गुप्ता, अखिलेश प्रसाद और अखिलेश कुमार सहित कई अन्य सदस्य उपस्थित थे। नवादा में मगही मगध नागरिक संघ बुधवार को बैठक की। जिसमें मगही भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई। इस दौरान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पारस कुमार सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव में मगही अस्मिता की बात करने वालों को ही मगध में जीत का ताज मिलेगा। ‘मगही भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाना ज्वलंत मुद्दा’ श्री सिंह ने बताया कि मगही मगध नागरिक संघ कई वर्षों से मगही भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष कर रहा है। इस दिशा में कुछ हद तक सफलता भी मिली है और सरकार द्वारा कुछ मांगों को स्वीकार भी किया गया है। हालांकि, मगधवासियों के स्वाभिमान का प्रतीक मगही भाषा को अभी तक संवैधानिक दर्जा नहीं मिल पाया है, जो उनकी मुख्य मांग है। मुद्दे के समर्थन पर ही वोट दें उन्होंने मगध प्रमंडल के पांच लोकसभा और 26 विधानसभा क्षेत्रों के सभी मगही भाषियों से अपील की। उन्होंने कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र के उम्मीदवारों से, चाहे वे किसी भी दल के हों, इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करें। श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि मगध क्षेत्र के अन्य मुद्दों के साथ-साथ मगही भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाना भी एक ज्वलंत मुद्दा है। उन्होंने मतदाताओं से कहा कि यदि उम्मीदवार इस मुद्दे का समर्थन करेंगे, तभी उनका मतदान उनके पक्ष में होगा। चुनावी घोषणापत्र में इसे शामिल करने का अनुरोध संघ ने इससे पहले भी सभी पंजीकृत राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर इस मुद्दे को चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने का अनुरोध किया है। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों और संघ की प्रदेश समिति व जिला समिति के सदस्यों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में इस मुद्दे का प्रचार-प्रसार करने का संकल्प लिया। बैठक में ये लोग रहे शामिल बैठक में जिला समिति के अध्यक्ष गौतम कुमार सरगम, प्रवक्ता रविंदर सिंह, सचिव नीतिश कपूर, उपदेष्टा डॉ. भागवत प्रसाद, सदस्य दयानंद गुप्ता, अखिलेश प्रसाद और अखिलेश कुमार सहित कई अन्य सदस्य उपस्थित थे।  

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