कार्तिक पूर्णिमा पर पंचाने नदी तट पर उमड़े श्रद्धालु:हर-हर गंगे के जयघोष से गूंज उठे घाट, चुनाव के चलते कोसुक में मेले का नहीं हुआ आयोजन

कार्तिक पूर्णिमा पर पंचाने नदी तट पर उमड़े श्रद्धालु:हर-हर गंगे के जयघोष से गूंज उठे घाट, चुनाव के चलते कोसुक में मेले का नहीं हुआ आयोजन

नालंदा में कार्तिक पूर्णिमा पर पंचाने नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। सुबह-सुबह से ही हजारों आस्थावान लोगों ने पवित्र जल में डुबकी लगाई। ‘हर-हर गंगे’ के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। इस शुभ अवसर पर स्थानीय निवासियों के साथ-साथ आसपास के प्रखंडों से भी भारी संख्या में लोग अपने परिवारों के साथ नदी और तालाबों के घाटों पर पहुंचे। सूर्योदय से पहले ही घाटों पर श्रद्धालुओं की कतारें लग गईं। महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी ने परंपरागत रीति-रिवाजों का पालन करते हुए पवित्र स्नान किया। पवित्र स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने घाटों पर पूजा-अर्चना, हवन और मुंडन संस्कार संपन्न कराए। चुनाव के कारण कोसुक में नहीं लग सका मेला हालांकि, इस बार बिहार विधानसभा चुनाव के चलते कोसुक में पारंपरिक मेले का आयोजन नहीं हो सका। हर वर्ष कोसुक नदी घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन होता रहा है, जो इस क्षेत्र की एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा रही है। इस मेले में न केवल धार्मिक गतिविधियां होती थीं, बल्कि व्यापारिक और मनोरंजन की भी व्यवस्था रहती थी। प्रशासनिक व्यवस्था रही चाक-चौबंद घाटों पर भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती की थी। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी मौके पर मौजूद रहीं। साथ मे एसडीआरफ की टीम भी मुस्तैद दिखी। धार्मिक महत्व और पौराणिक मान्यताएं धर्मशास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र तिथि माना गया है। ज्योतिषाचार्य पप्पू पांडेय ने बताया कि आज के दिन को देव दीपावली और त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर देवताओं को भय मुक्त किया था। इसी कारण देवताओं ने दीप जलाकर उत्सव मनाया, तब से यह दिन देव दीपावली के रूप में प्रसिद्ध हुआ। पंडित पुरेंद्र उपाध्याय बताते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र जल में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन किया गया स्नान, दान और दीपदान सौ गुना फलदायी होता है। नालंदा में कार्तिक पूर्णिमा पर पंचाने नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। सुबह-सुबह से ही हजारों आस्थावान लोगों ने पवित्र जल में डुबकी लगाई। ‘हर-हर गंगे’ के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। इस शुभ अवसर पर स्थानीय निवासियों के साथ-साथ आसपास के प्रखंडों से भी भारी संख्या में लोग अपने परिवारों के साथ नदी और तालाबों के घाटों पर पहुंचे। सूर्योदय से पहले ही घाटों पर श्रद्धालुओं की कतारें लग गईं। महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी ने परंपरागत रीति-रिवाजों का पालन करते हुए पवित्र स्नान किया। पवित्र स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने घाटों पर पूजा-अर्चना, हवन और मुंडन संस्कार संपन्न कराए। चुनाव के कारण कोसुक में नहीं लग सका मेला हालांकि, इस बार बिहार विधानसभा चुनाव के चलते कोसुक में पारंपरिक मेले का आयोजन नहीं हो सका। हर वर्ष कोसुक नदी घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन होता रहा है, जो इस क्षेत्र की एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा रही है। इस मेले में न केवल धार्मिक गतिविधियां होती थीं, बल्कि व्यापारिक और मनोरंजन की भी व्यवस्था रहती थी। प्रशासनिक व्यवस्था रही चाक-चौबंद घाटों पर भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती की थी। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी मौके पर मौजूद रहीं। साथ मे एसडीआरफ की टीम भी मुस्तैद दिखी। धार्मिक महत्व और पौराणिक मान्यताएं धर्मशास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र तिथि माना गया है। ज्योतिषाचार्य पप्पू पांडेय ने बताया कि आज के दिन को देव दीपावली और त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर देवताओं को भय मुक्त किया था। इसी कारण देवताओं ने दीप जलाकर उत्सव मनाया, तब से यह दिन देव दीपावली के रूप में प्रसिद्ध हुआ। पंडित पुरेंद्र उपाध्याय बताते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र जल में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन किया गया स्नान, दान और दीपदान सौ गुना फलदायी होता है।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *