कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बैरगनिया शिवहर मुख्य नहर पिपरारी पुल बागमती के समीप भीषण जाम लग गया। सुबह 8 बजे से वाहनों की लंबी कतारें लगने से आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और युवा शामिल थे, बागमती नदी में गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे। स्नान के बाद वापस लौटते समय वाहनों की संख्या अचानक बढ़ गई, जिसके कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। सुबह से ही सड़क पर ट्रक, बस, दोपहिया और चारपहिया वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं। इससे राहगीरों और स्थानीय लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई लोगों को आवश्यक कार्यों के लिए बाहर निकलने में देरी हुई, जिससे वे परेशान दिखे। जाम की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए किसी भी प्रशासनिक या यातायात विभाग की सक्रियता नहीं दिखी। ट्रैफिक पुलिस की अनुपस्थिति के कारण स्थिति और बिगड़ गई, जिससे लोगों में काफी गुस्सा देखा गया। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। घंटों तक लोग जाम में फंसे रहे, जिससे उन्हें भीषण गर्मी और भीड़ का सामना करना पड़ा। इस अव्यवस्था के कारण आम लोगों और राहगीरों को भारी असुविधा हुई। कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में कई घंटे लग गए, जिससे उनके महत्वपूर्ण कार्य बाधित हुए। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से भविष्य में इस तरह की स्थिति से बचने के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि कार्तिक पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर श्रद्धालुओं और आम लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बैरगनिया शिवहर मुख्य नहर पिपरारी पुल बागमती के समीप भीषण जाम लग गया। सुबह 8 बजे से वाहनों की लंबी कतारें लगने से आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और युवा शामिल थे, बागमती नदी में गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे। स्नान के बाद वापस लौटते समय वाहनों की संख्या अचानक बढ़ गई, जिसके कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। सुबह से ही सड़क पर ट्रक, बस, दोपहिया और चारपहिया वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं। इससे राहगीरों और स्थानीय लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई लोगों को आवश्यक कार्यों के लिए बाहर निकलने में देरी हुई, जिससे वे परेशान दिखे। जाम की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए किसी भी प्रशासनिक या यातायात विभाग की सक्रियता नहीं दिखी। ट्रैफिक पुलिस की अनुपस्थिति के कारण स्थिति और बिगड़ गई, जिससे लोगों में काफी गुस्सा देखा गया। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। घंटों तक लोग जाम में फंसे रहे, जिससे उन्हें भीषण गर्मी और भीड़ का सामना करना पड़ा। इस अव्यवस्था के कारण आम लोगों और राहगीरों को भारी असुविधा हुई। कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में कई घंटे लग गए, जिससे उनके महत्वपूर्ण कार्य बाधित हुए। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से भविष्य में इस तरह की स्थिति से बचने के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि कार्तिक पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर श्रद्धालुओं और आम लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।


