मुजफ्फरपुर में कार्तिक पूर्णिया पर श्रद्धालुओं की भीड़:बूढ़ी गंडक के घाटों पर लगाई डुबकी, परिवार के खुशहाली की कामना; एनडीआरएफ-पुलिसबल की तैनाती

मुजफ्फरपुर में कार्तिक पूर्णिया पर श्रद्धालुओं की भीड़:बूढ़ी गंडक के घाटों पर लगाई डुबकी, परिवार के खुशहाली की कामना; एनडीआरएफ-पुलिसबल की तैनाती

मुजफ्फरपुर में कार्तिक पूर्णिया पर सुबह से ही बूढ़ी गंडक नदी किनारे श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। परिवार समेत स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। महिलाओं ने व्रत के संकल्प के साथ नदी में पवित्र स्नान किया और सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित कर परिवार के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। नदी में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना शहर के संगम घाट, अखाड़ा घाट, सिकंदरपुर, आश्रम घाट और रेवा के गंडक नदी के घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। लोग टोकरी में प्रसाद, नारियल, दीप, फल और गन्ने की पूजन सामग्री लेकर पहुंचे। घाटों पर ‘जय छठी मइया’ और ‘छठी मइया के जयघोष’ की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। सूर्योदय से पहले ही बड़ी संख्या में महिलाओं ने नदी में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना की। श्रद्धालु पानी में खड़े होकर सूर्य देव की आराधना करते नजर आए। कई जगहों पर पारंपरिक लोकगीत और छठ गीतों की गूंज से माहौल और भी पवित्र बन गया। प्रशासन ने की विशेष व्यवस्था भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। नगर निगम की ओर से घाटों की सफाई की गई थी, जबकि जिला पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों ने नदी किनारे सुरक्षा का मोर्चा संभाला। बूढ़ी गंडक के कई घाटों पर बैरिकेडिंग की गई थी, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से स्नान कर सकें। वहीं, गोताखोरों की टीम हर घाट पर तैनात रही। डीएम और एसएसपी ने स्वयं कई घाटों का निरीक्षण कर व्यवस्था की समीक्षा की। स्थानीय प्रशासन की अपील पर लोगों ने निर्धारित मार्ग से ही घाट तक पहुंचने की व्यवस्था का पालन किया। मुजफ्फरपुर में कार्तिक पूर्णिया पर सुबह से ही बूढ़ी गंडक नदी किनारे श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। परिवार समेत स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। महिलाओं ने व्रत के संकल्प के साथ नदी में पवित्र स्नान किया और सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित कर परिवार के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। नदी में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना शहर के संगम घाट, अखाड़ा घाट, सिकंदरपुर, आश्रम घाट और रेवा के गंडक नदी के घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। लोग टोकरी में प्रसाद, नारियल, दीप, फल और गन्ने की पूजन सामग्री लेकर पहुंचे। घाटों पर ‘जय छठी मइया’ और ‘छठी मइया के जयघोष’ की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। सूर्योदय से पहले ही बड़ी संख्या में महिलाओं ने नदी में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना की। श्रद्धालु पानी में खड़े होकर सूर्य देव की आराधना करते नजर आए। कई जगहों पर पारंपरिक लोकगीत और छठ गीतों की गूंज से माहौल और भी पवित्र बन गया। प्रशासन ने की विशेष व्यवस्था भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। नगर निगम की ओर से घाटों की सफाई की गई थी, जबकि जिला पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों ने नदी किनारे सुरक्षा का मोर्चा संभाला। बूढ़ी गंडक के कई घाटों पर बैरिकेडिंग की गई थी, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से स्नान कर सकें। वहीं, गोताखोरों की टीम हर घाट पर तैनात रही। डीएम और एसएसपी ने स्वयं कई घाटों का निरीक्षण कर व्यवस्था की समीक्षा की। स्थानीय प्रशासन की अपील पर लोगों ने निर्धारित मार्ग से ही घाट तक पहुंचने की व्यवस्था का पालन किया।  

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