लखनऊ और उसके आसपास के छह जिलों को अब विकास की नई रफ्तार UPSCR (Uttar Pradesh Sub-Circular Region Corridor) के तहत मिलने जा रही है। SCR मास्टर प्लान के तहत आवास, रोजगार और पर्यटन को एक साथ लाने की भी कवायद की जा रही है। नैमिष, चंद्रिका देवी, महादेव जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को भी इस योजना में खास जगह मिलेगी। नैमिष से चंद्रिका देवी तक नया धार्मिक कॉरिडोर नैमिष और चंद्रिका देवी को जोड़ने वाली नदी के किनारे अब धार्मिक पर्यटन का नया कॉरिडोर तैयार होगा। AKTU की टीम इसका मास्टर प्लान बना रही है। घाटों का सौंदर्यीकरण, पाथवे, हरित पट्टी और नौका पर्यटन जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इससे न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। UPSCR की नई रिंग रोड से घटेगा ट्रैफिक UPSCR योजना के तहत 120 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड बनाई जाएगी, जिससे बाहरी ट्रैफिक अब लखनऊ शहर में दाखिल नहीं होगा। शहर का बोझ कम होगा और जिले आपस में सीधे जुड़ जाएंगे। एलिवेटेड रोड नेटवर्क ऐसा होगा कि आसपास के जिलों तक अब सिर्फ एक घंटे में सफर पूरा किया जा सकेगा। हर जिले के लिए अलग प्लान, हर हाथ को काम LDA की ओर से तैयार किए जा रहे SCR मास्टर प्लान में छहों जिलों के लिए अलग-अलग विकास रणनीति बनेगी। किसी जिले को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में, तो किसी को औद्योगिक या IT हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ेगा और पलायन पर लगाम लगेगी। 25 लाख परिवारों को मिलेगा आशियाना UPSCR के तहत करीब 25 लाख परिवारों के लिए आवासीय परियोजनाएं तैयार की जा रही हैं। इनमें से 40% घर कम आय वर्ग के लोगों के लिए आरक्षित होंगे। इन आवासीय योजनाओं में पानी, बिजली, सड़क, स्कूल, अस्पताल और सामुदायिक केंद्र जैसी सभी सुविधाएं होंगी। हमारा लक्ष्य हर वर्ग को घर देने के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ाना है। स्मार्ट सिटी की तर्ज पर होगा विकास UPSCR को स्मार्ट सिटी मॉडल पर विकसित किया जाएगा। हरित ऊर्जा, जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट इसकी प्रमुख विशेषताएं होंगी। मेट्रो विस्तार, बस रूट सुधार और इंटर-डिस्ट्रिक्ट रोड कनेक्टिविटी को भी प्राथमिकता दी जाएगी। आस्था, रोजगार और विकास एक साथ सरकार का मकसद केवल शहरों का विस्तार नहीं, बल्कि संस्कृति और अर्थव्यवस्था दोनों को जोड़ना है। नैमिष, चंद्रिका देवी, महादेव और अन्य धार्मिक स्थलों को जोड़कर प्रदेश में आस्था पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। उद्योग, वाणिज्यिक क्षेत्र और आवासीय परियोजनाओं के जरिए क्षेत्र को विकास का हब बनाया जाएगा।


