चंडीगढ़ में यूटी सचिवालय में आए एक सीनियर सिटिजन की मौत हुई है। वह बिल्डिंग वॉयलेशन से जुड़े केस में चीफ एडमिनिस्ट्रेटर कम सचिव वित्त की अदालत में आए हुए थे। जैसे ही केस की तारीख पड़ी । इस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी। वह जमीन पर नीचे गिर गए। उस समय वहां पर अधिकारी भी मौजूद थे। इसके बाद उन्हें तुरंत सेक्टर-16 के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।मृतक की पहचान सेक्टर-44 निवासी चरणजीत सिंह के रूप में हुई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। उम्मीद थी फैसला आएगा, तारीख पड़ गई परिजनों के मुताबिक, पिछले 11 सालों से उनके घर का मामला पेंडिंग चल रहा था। उन्हें उम्मीद थी कि इस बार उनके मामले का निपटारा हो जाएगा, लेकिन इस बार भी अगली तारीख पड़ गई। इसी बीच उनकी तबीयत बिगड़ गई। पुलिस ने इस मामले में मृतक के परिवार वालों के बयान लिए हैं। उन्होंने घर के बैक साइड में कमरा बनाया हुआ है। पहले सचिव ने सीपीआर देकर बचाई थी जान इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। उस समय चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे व्यक्ति की तबीयत बिगड़ गई थी। जनक राज बुजुर्ग सेक्टर-41 से पहुंचे थे। उस समय तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग वहां पर मौजूद थे। उन्होंने तुरंत उसे सीपीआर दी थी। इसके बाद व्यक्ति की जान बच गई थी। पंजाब में मंत्री खुद बुजुर्ग को दे चुके है सीपीआर इसी तरह 27 मई 2024 को पंजाब के लोकल बॉडी मंत्री डॉ. रवजोत सिंह बठिंडा नगर निगम दफ्तर में निरीक्षण के लिए गए थे। इस दौरान एक बुजुर्ग को अटैक आ गया। मंत्री ने तुरंत सीपीआर देकर उस बुजुर्ग की जान बचाई। इसके बाद व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वहीं, उसके बाद इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। पंजाब में अपनी तरह का पहला मामला था, जब मंत्री ने खुद किसी को सीपीआर दी थी।


