छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) ने दो और दवाओं के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगा दी है। बैक्लोफेन 10 एमजी टैबलेट और आयरन सुक्रोज 100 एमजी इंजेक्शन पर रोक लगाई गई है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कचना (रायपुर) ने सीजीएमएससी को पत्र लिखकर मेटफॉर्मिन 500mg + ग्लिम्पिराइड 2mg सस्टेन्ड रिलीज़ टैबलेट के एक बैच की स्ट्रिप से टैबलेट टूटने की शिकायत की है। पहला मामला कवर्धा का कॉर्पोरेशन की टीम ने ड्रग वेयरहाउस कवर्धा में बैक्लोफेन 10 एमजी टैबलेट (Drug Code – ND88) के Batch No. RT24126 और RT25018 का निरीक्षण किया। जांच के दौरान कुछ पैकेट्स में रंग परिवर्तन पाया गया। एहतियातन इन बैचों के वितरण और उपयोग पर रोक लगा दी गई है। नमूनों को दोबारा जांच के लिए NABL मान्यता प्राप्त लैब भेजा गया है। दूसरा मामला बिलासपुर का रीजनल ड्रग वेयरहाउस बिलासपुर से आपूर्ति की गई आयरन सुक्रोज 100 एमजी इंजेक्शन (Drug Code – D285, Batch No. V24104) के उपयोग के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंधवापारा (हेमू नगर) में एक मरीज में साइड इफेक्ट की शिकायत सामने आई। इसके बाद CGMSC ने इस बैच के उपयोग पर भी एहतियातन रोक लगा दी है। परीक्षण रिपोर्ट के बाद ही अगला फैसला कॉर्पोरेशन ने कहा कि दोनों मामलों की जांच और दवा परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई निविदा की शर्तों और नियमों के अनुसार की जाएगी। तीसरा मामला रायपुर का शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कचना ने सीजीएमएससी को पत्र लिखकर मेटफॉर्मिन 500mg + ग्लिम्पिराइड 2mg सस्टेन्ड रिलीज टैबलेट के एक बैच की स्ट्रिप से टैबलेट टूटने की शिकायत की है। शिकायत के तुरंत बाद सीजीएमएससी ने दवा के उपयोग और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ ही सभी उपलब्ध स्टॉक को आवश्यक कार्रवाई के लिए दवा गोदामों को वापस भेजने के निर्देश दिए गए हैं। सीजीएमएससी ने कहा है कि अस्पतालों में केवल उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयां ही उपलब्ध कराई जाएं, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत दवाइयों की नियमित रूप से गुणवत्ता जांच भी की जाती है।


