बैकुंठ चतुर्दशी पर 1 हजार श्रद्धालुओं ने किया नर्मदा स्नान:जागीरदारपुरा घाट पर रौनक, सीसीटीवी से सुरक्षा; नया केंद्र बना

बड़वानी में मंगलवार को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष चतुर्दशी पर बैकुंठ चतुर्दशी मनाई गई। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने शहर के समीप नवनिर्मित मां नर्मदा जागीरदारपुरा घाट पर पुण्य स्नान किया। शाम के समय घाट दीपदान से रोशन रहा और यहां खासी रौनक देखने को मिली। श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु और भगवान शिव की एक साथ पूजा की। बैकुंठ चतुर्दशी को हरि हर मिलन के रूप में भी मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु सृष्टि का संचालन पुनः भगवान शिव को सौंपते हैं। सरदार सरोवर बांध परियोजना के पूर्ण भरने के बाद राजघाट और कुकरा गांव के पुराने घाट पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। ऐसे में श्रद्धालु अब तक सड़क किनारे ही स्नान कर रहे थे। इस स्थिति को देखते हुए गत माहों में राजघाट टापू स्थित जागीरदारपुरा में एक नवीन घाट तैयार किया गया है। यह नया घाट श्रद्धालुओं को धार्मिक, प्राकृतिक, आध्यात्मिक और पर्यटन की दृष्टि से आकर्षित कर रहा है। मात्र ढाई से तीन माह में तैयार हुए इस घाट पर शहर के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग मां नर्मदा के विहंगम दृश्य के बीच स्नान और पूजन-अर्चन के लिए पहुँच रहे हैं। मां नर्मदा जागीरदारपुरा नवीन घाट समिति के अध्यक्ष अजयसिंह ठाकुर और सचिव कनकसिंह दरबार ने बताया कि बैकुंठ चतुर्दशी पर यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुँचे। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए घाट क्षेत्र को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। यहाँ कुर्सियाँ लगाई गई हैं और श्रद्धालु बोट के माध्यम से डूब क्षेत्र के जल भराव का भी आनंद ले रहे हैं। आगामी समय में टिनशेड में मां नर्मदा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

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