झांसी में महिला की मौत पर भिड़े मायका-ससुराल के लोग:ससुर बोले-बहू खुश थी, मृतक के मामा ने कहा-बीस साल भांजी को एक-एक पैसे के लिए तरसाया

झांसी में महिला की मौत पर भिड़े मायका-ससुराल के लोग:ससुर बोले-बहू खुश थी, मृतक के मामा ने कहा-बीस साल भांजी को एक-एक पैसे के लिए तरसाया

झांसी में विवाहिता ने घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यहां उसका शव मोर्चरी पहुंचा तो पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर मृतक के ससुराल और मायके पक्ष के लोग आपस में भिड़ गए। ससुराल के लोगों का कहना था कि मृतक बबिता ससुराल में खुश थी। यहां ये बात महिला के मामा ने सुनी तो वह बिफर गए। उनका आरोप है कि ससुराल के लोगों ने पति की मौत के बाद उनकी भांजी को एक-एक रुपए के लिए तरसाया है। इसी से तंग आकर उसने आत्महत्या कर ली। फिलहाल पुलिस शव का पोस्टमॉर्टम करा रही है। घटना चिरगांव थाना क्षेत्र के गांव छिरौना की है। चिरगांव थाना क्षेत्र के ग्राम छिरौना की रहने वाली 40 साल की बबिता राजपूत के पति उमेश राजपूत की साल 2006 में सड़क दुर्घटना के दौरान मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद से ही बबिता अपने बेटे ऋषि राजपूत (19) के साथ ससुराल में रहती थी। उनका बेटा BA फर्स्ट ईयर का छात्र है। गांव के पूर्व प्रधान और रिश्ते में मृतक के ससुर मेवा लाल ने बताया कि सोमवार को बबिता घर की पहली मंजिल पर बने कमरे में सोने चली गई थी जबकि, बेटा परिवार के दूसरे बच्चों के साथ नीचे सोने आ गया। बताया कि बबिता हर दिन सुबह 5 बजे मवेशियों को चारा खिलाने और भैंस का दूध दूने के लिए उठ जाया करती थी। लेकिन, मंगलवार को जब वह नहीं उठी तो परिवार के लोग ऊपर पहुंचे। यहां बबिता अपनी साड़ी से फांसी का फंदा लगाकर लटकती मिली। परिजनों ने उसे फंदे से उतारा और झांसी मेडिकल कॉलेज आए। यहां डॉक्टरों ने उसे परीक्षण के बाद मृत घोषित कर दिया। वहीं, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे मायके पक्ष ने लगाए गंभीर आरोप यहां भांजी की मौत की सूचना मिलते ही मामा भगवत सिंह मेडिकल कॉलेज के पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंच गए। यहां जब मृतक के ससुराल के लोगों ने मौत का कारण नहीं बताया तो भगवत सिंह बिफर गए। उन्होंने जोर-जोर से चिल्लाते हुए भांजी की मौत का जिम्मेवार ससुराल के लोगों को बताना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि बबिता उन्हें आए दिन फोन कर बताती थी कि ससुराल के लोग उसे एक रुपए भी खर्च के लिए नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि भांजी विधवा पेंशन के सहारे जीवन काट रही थी। चार दिन पहले भी ससुराल के लोगों ने उससे झगड़ा किया था। उन्होंने कहा कि पति की मौत के बाद से ही ससुराल वाले उसे खेती में से कुछ नहीं देते थे। हालांकि, उन्होंने घटना के संबंध में किसी प्रकार का शिकायती पत्र नहीं दिया है।

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