सोनीपत में दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (DCRUST), मुरथल की महिला छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन की सख्त हॉस्टल टाइमिंग के विरोध में हरियाणा के राज्यपाल को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। छात्राओं ने कहा कि शाम छह बजे हॉस्टल का गेट बंद कर देने और सुबह साढ़े छह बजे खोलने की व्यवस्था से उनकी पढ़ाई, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। स्टूडेंट बोली बोली -कैद जैसा माहौल महसूस होता है छात्राओं ने पत्र में लिखा है कि प्रशासन की यह नीति उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में “जेल या कैद जैसा माहौल” महसूस करवाती है। उनका कहना है कि शाम के बाद लैब कार्य, प्रोजेक्ट चर्चाएँ, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी और सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेने की अनुमति नहीं मिल पाती, जिससे उनका सर्वांगीण विकास प्रभावित हो रहा है। “सुरक्षा के नाम पर नहीं होनी चाहिए पाबंदी” छात्राओं ने स्पष्ट कहा कि यदि सुरक्षा को लेकर चिंता है, तो प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए, न कि छात्राओं की स्वतंत्रता सीमित करनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि परिसर में निगरानी प्रणाली को आधुनिक बनाया जाए, अनाधिकृत वाहनों की आवाजाही रोकी जाए और गार्डों की संख्या बढ़ाई जाए। “अन्य विश्वविद्यालयों में लचीला माहौल” छात्राओं ने बताया कि हरियाणा की अन्य विश्वविद्यालयों में ऐसी कठोर टाइमिंग नहीं है। अन्य संस्थानों में छात्राओं को अध्ययन, खेलकूद या सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए आवश्यक लचीलापन दिया जाता है, जिससे वे संतुलित वातावरण में आगे बढ़ पाती हैं। “समान और सुरक्षित माहौल की मांग” राज्यपाल को भेजे गए पत्र में छात्राओं ने आग्रह किया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को इस संबंध में उचित दिशा-निर्देश दिए जाएं, ताकि महिला छात्राओं को एक सुरक्षित, समान और प्रगतिशील शैक्षणिक वातावरण प्राप्त हो सके। वाइस चांसलर प्रकाश सिंह का बयान यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रकाश सिंह का कहना है कि यूनिवर्सिटी में अनुशासन बनाए रखने के लिए रूल रेगुलेशन बनाए गए हैं और किसी भी स्टूडेंट को काम के लिए बाहर जाना होता है तो हॉस्टल वार्डन को नियम के तहत सूचना देकर जाया जा सकता है। किसी पर कठोर पाबंदी नहीं है। यूनिवर्सिटी के नियम सब पर लागू रहते हैं। नियमों के अनुसार किसी को भी कोई रोक-टोक नहीं है।


