देवघर पुलिस साइबर क्राइम को लेकर कर रहा जागरूक:ग्रामीणों को दी जा रही ठगी से बचने की जानकारी, मोरने गांव से शुरू हुआ अभियान

देवघर पुलिस साइबर क्राइम को लेकर कर रहा जागरूक:ग्रामीणों को दी जा रही ठगी से बचने की जानकारी, मोरने गांव से शुरू हुआ अभियान

देवघर जिले में बढ़ते साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने अब जागरूकता का रास्ता चुना है। पुलिस अधीक्षक सौरभ के निर्देश पर देवघर पुलिस ने विशेष साइबर जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान की शुरुआत मोहनपुर थाना क्षेत्र के मोरने गांव से की गई। जहां पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराध के बढ़ते नेटवर्क को तोड़ना और लोगों को इस अपराध के प्रति सचेत करना है। पुलिस ने बताया कि उन गांवों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां से पहले सबसे ज्यादा साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई थी। साझा प्रयास से साइबर अपराध पर अंकुश लगाने की पहल एसपी सौरभ ने कहा कि इस अभियान का मुख्य लक्ष्य जनता के सहयोग से सूचना एकत्र कर साइबर अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करना है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि साइबर अपराध में शामिल लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस अब ऐसे संगठित अपराधियों की संपत्तियां जब्त करने की भी तैयारी कर रही है। इसके साथ ही जो लोग साइबर अपराधियों को पनाह या सहयोग देते हैं, उन्हें भी चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभियान के दौरान पुलिस ने ग्रामीणों को बताया कि यदि किसी प्रकार की ऑनलाइन ठगी या संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत टोल-फ्री नंबर 1939 पर सूचना दें। ग्रामीणों ने जताया भरोसा, पुलिस को दिया सहयोग का आश्वासन अभियान के दौरान ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने देवघर पुलिस की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि पुलिस की सक्रियता से अब लोग ज्यादा सतर्क हो रहे हैं और साइबर अपराधियों की गतिविधियों की जानकारी देने के लिए आगे आ रहे हैं। ग्रामीणों ने भरोसा जताया कि यदि गांवों में लगातार ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, तो अपराधियों के हौसले पस्त होंगे। देवघर बना साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी में देश का नंबर वन जिला गौरतलब है कि इस वर्ष 1 जनवरी से 1 नवंबर तक देवघर पुलिस ने 659 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। वर्ष 2024 में पूरे देश में साइबर अपराधियों की सर्वाधिक गिरफ्तारी इसी जिले से हुई थी। यही कारण है कि अब पुलिस ने अपराधियों की जड़ों तक पहुंचने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इस जनजागरूकता अभियान को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया है। पुलिस का मानना है कि जनता के सहयोग से साइबर अपराध पर प्रभावी तरीके से रोक लगाई जा सकती है। देवघर जिले में बढ़ते साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने अब जागरूकता का रास्ता चुना है। पुलिस अधीक्षक सौरभ के निर्देश पर देवघर पुलिस ने विशेष साइबर जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान की शुरुआत मोहनपुर थाना क्षेत्र के मोरने गांव से की गई। जहां पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराध के बढ़ते नेटवर्क को तोड़ना और लोगों को इस अपराध के प्रति सचेत करना है। पुलिस ने बताया कि उन गांवों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां से पहले सबसे ज्यादा साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई थी। साझा प्रयास से साइबर अपराध पर अंकुश लगाने की पहल एसपी सौरभ ने कहा कि इस अभियान का मुख्य लक्ष्य जनता के सहयोग से सूचना एकत्र कर साइबर अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करना है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि साइबर अपराध में शामिल लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस अब ऐसे संगठित अपराधियों की संपत्तियां जब्त करने की भी तैयारी कर रही है। इसके साथ ही जो लोग साइबर अपराधियों को पनाह या सहयोग देते हैं, उन्हें भी चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभियान के दौरान पुलिस ने ग्रामीणों को बताया कि यदि किसी प्रकार की ऑनलाइन ठगी या संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत टोल-फ्री नंबर 1939 पर सूचना दें। ग्रामीणों ने जताया भरोसा, पुलिस को दिया सहयोग का आश्वासन अभियान के दौरान ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने देवघर पुलिस की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि पुलिस की सक्रियता से अब लोग ज्यादा सतर्क हो रहे हैं और साइबर अपराधियों की गतिविधियों की जानकारी देने के लिए आगे आ रहे हैं। ग्रामीणों ने भरोसा जताया कि यदि गांवों में लगातार ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, तो अपराधियों के हौसले पस्त होंगे। देवघर बना साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी में देश का नंबर वन जिला गौरतलब है कि इस वर्ष 1 जनवरी से 1 नवंबर तक देवघर पुलिस ने 659 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। वर्ष 2024 में पूरे देश में साइबर अपराधियों की सर्वाधिक गिरफ्तारी इसी जिले से हुई थी। यही कारण है कि अब पुलिस ने अपराधियों की जड़ों तक पहुंचने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इस जनजागरूकता अभियान को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया है। पुलिस का मानना है कि जनता के सहयोग से साइबर अपराध पर प्रभावी तरीके से रोक लगाई जा सकती है।  

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