राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की केन्द्रीय क्षेत्र पीठ ने जोधपुरा चूना पत्थर खनन एवं ब्लास्टिंग से प्रभावित 298 ग्रामीणों को 20-20 हजार रुपए का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया है। यही नहीं अधिकरण ने उन सभी ग्रामीणों को 50-50 हजार रुपए सहायता राशि दिए जाने के आदेश दिए हैं जिनके मकानों में दरारें आई हैं। यह भुगतान कोटपुतली कलेक्टर के माध्यम से सीएसआर फंड से दी जाएगी। जोधपुरा संघर्ष समिति बनाम भारत संघ व अन्य मामले में अधिकरण ने यह महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। इसमें एम-एस अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड को जोधपुरा गांव के निकट चूना पत्थर खनन और ब्लास्टिंग से हुए पर्यावरणीय नुकसान, मकानों में दरारें और स्वास्थ्य पर पड़े प्रतिकूल प्रभावों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। अधिकरण ने माना कि ग्रामीणों के घरों में दरारें असंगत ब्लास्टिंग के कारण हुई है। सावधानी सिद्धांत और प्रदूषक भुगतान सिद्धांत लागू करते हुए परियोजना प्राधिकरण को उत्तरदायी ठहराया गया। परियोजना प्राधिकरण को प्रभावित ग्रामीणों के लिए नियमित स्वास्थ्य शिविर और निःशुल्क दवाइयों की व्यवस्था भी करनी होगी। स्कूल, मंदिर या मकान के निकट ब्लास्टिंग वर्जित अधिकरण ने कहा है कि पर्यावरण स्वीकृति (EC) और प्रदूषण नियंत्रण मानकों का सख्ती से पालन किया जाए। यही नहीं, 500 मीटर की परिधि में किसी स्कूल, मंदिर या आवासीय भवन के निकट ब्लास्टिंग वर्जित होगी। खनन क्षेत्र में छह माह के भीतर हरित पट्टी का विकास किया जाए। परियोजना प्राधिकरण को जल पुनर्भरण कार्य करने होंगे। केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण भूजल स्तर की निगरानी करेगा। सीएस की जिम्मेदारी तय
अधिकरण ने अपने निर्णय में कहा है कि मुख्य सचिव प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए समिति गठित करेंगे। वहीं, जिला मजिस्ट्रेट को वसूली और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकृत किया गया है।


