जापान (Japan) के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे (Shinzo Abe) की हत्या के तीन साल बाद आरोपी टेत्सुया यामागामी (Tetsuya Yamagami) ने कोर्ट में अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। नारा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मंगलवार को इस मामले की पहली सुनवाई हुई और इस दौरान ही उसने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया। गौरतलब है कि पूर्व जापानी पीएम की 8 जुलाई 2022 को एक रैली के दौरान यामागामी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
कहा – “सब कुछ सच है”
नारा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जब यामागामी से इस बारे में सवाल किया गया तो उसने बेहद शांत आवाज़ में कहा, “सबकुछ सच है।” 45 साल के यामागामी पर आबे की हत्या का मुकदमा 18 सुनवाइयों तक चलेगा और अंतिम फैसला 21 जनवरी 2026 को आने की उम्मीद है।
बदले के लिए की हत्या
जांच में खुलासा हुआ कि यामागामी ने बदले की भावना से आबे की हत्या की थी। उसका कहना था कि आबे जापान में यूनिफिकेशन चर्च का समर्थन करते थे। यमागामी इस संस्था को वह अपने परिवार की आर्थिक तबाही के लिए ज़िम्मेदार मानता है। रिपोर्ट के अनुसार यामागामी की मां ने इस दक्षिण कोरियाई धार्मिक संस्था को करीब 100 मिलियन येन दान किए थे। इस दान की वजह से उसका परिवार दिवालिया हो गया था। जांच में यह भी सामने आया कि तत्कालीन सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के 100 से ज़्यादा नेताओं के यूनिफिकेशन चर्च से संबंध थे। इसी साल मार्च में कोर्ट ने यूनिफिकेशन चर्च की जापानी शाखा को भंग करने का आदेश दिया था।


