आय से अधिक संपत्ति मामले में अरेस्ट शिरोमणि अकाली दल के नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका पर आज (29 अक्टूबर) पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। आज उनकी जमानत को लेकर उच्च अदालत फैसला ले सकती है, क्योंकि पिछली सुनवाई पर अदालत ने कहा था कि अब इस मामले में बहस की जरूरत नहीं है, क्योंकि आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। हालांकि विजिलेंस की तरफ से कहना है कि उनकी तरफ से जवाब दाखिल किया जाएगा। दिवाली-रक्षाबंधन जेल में मनाया बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को आय से अधिक संपत्ति मामले में अरेस्ट किया था। वह इस समय नाभा जेल में बंद हैं। उन्होंने रक्षा बंधन, दशहरा और दिवाली जेल में बिताई है। हालांकि शुरू में उनके जानकारों को उनसे मुलाकात करने में दिक्कत उठानी पड़ी थी। उनके वकील पहले ही कह चुके हैं कि सरकार उनका मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रही है। पूर्व अधिकारियों समेत छह लोगों की स्टेटमेंट बिक्रम सिंह मजीठिया पर केस दर्ज करने के लिए इस बार विजिलेंस ने काफी प्रयास किए हैं। करीब छह लोगों के बयान लिए गए, जिनमें ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह, पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, मजीठिया के पूर्व पीए और उनके पुराने दोस्त भी शामिल हैं। हालांकि अब मजीठिया के साथ उनके रिश्ते उतने अच्छे नहीं हैं। सरकार का दावा है कि यह केस बहुत मजबूत है, जबकि मजीठिया के वकील का कहना है कि इस केस में कोई दम नहीं है। 700 करोड़ की संपत्ति का जिक्र चालान में विजिलेंस ने 700 करोड़ की अवैध और बेमानी संपत्ति का खुलासा चार्जशीट में किया है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, यूपी और दिल्ली में 15 ठिकानों की जांच के बाद चार्जशीट तैयार की गई है। चार्जशीट में कई अकाली और बीजेपी नेताओं के भी बयान दर्ज हैं। वहीं, दावा किया जा रहा है कि विजिलेंस ने तय समय पर चार्जशीट दाखिल की है। जब मीडिया ने एडवोकेट फैरी सोफत से सवाल किया कि पहले तो 540 करोड़ की संपत्ति कही जा रही थी, जबकि अब 700 करोड़ की हो गई, इस पर उनका जवाब था कि विजिलेंस की टीम करीब दो महीने से जांच कर रही थी।


