Premanand Ji Maharaj Darshan Booking Guide: संत प्रेमानंद महाराज का नाम आज हर भक्त की जुबान पर है। उनको सुनने और मानने वाले आज दुनिया के हर कोने में हैं। सभी भक्तों की इच्छा रहती है कि उनसे एक बार मिलने का मौका मिल जाए। राधा रानी के परम उपासक प्रेमानंद जी महाराज अपने प्रवचनों और भक्ति मार्ग की सरल शिक्षाओं के लिए जाने जाते हैं। देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु रोजाना उनके दर्शन के लिए वृंदावन पहुंचते हैं। हालांकि, कई लोगों को यह नहीं पता होता कि उनसे मिलने या दर्शन करने की प्रक्रिया क्या है। आइए जानते हैं, प्रेमानंद महाराज से मिलने, अपॉइंटमेंट लेने और आश्रम कीटाइम-टेबल से जुड़ी पूरी जानकारी।
Premanand Ji Maharaj से मिलने का अपॉइंटमेंट कैसे लें?
यदि आप प्रेमानंद जी महाराज से एकांत में आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको श्री हित राधा केली कुंज आश्रम, वृंदावन में जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
रजिस्ट्रेशन सुबह 9:00 बजे के बाद होता है।
इस प्रक्रिया को “एकान्तिक वार्तालाप” कहा जाता है, जिसमें भक्त महाराज जी से व्यक्तिगत रूप से आध्यात्मिक प्रश्न पूछ सकते हैं।
प्रतिदिन सीमित लोगों को ही यह अवसर मिलता है, क्योंकि स्थान और समय दोनों सीमित होते हैं।
ध्यान रखें, वार्तालाप में केवल आध्यात्मिक विषयों से जुड़े प्रश्न ही स्वीकार किए जाते हैं।
Premanand Ji Maharaj: दर्शन के लिए टोकन कैसे मिलता है?
प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए भक्तों को पहले टोकन लेना होता है। टोकन के माध्यम से ही उनके दर्शन प्राप्त हो सकते हैं।
टोकन राधा केली कुंज आश्रम में बांटे जाते हैं।
अगले दिन के दर्शन के लिए टोकन सुबह 9:30 बजे शिष्यों द्वारा बांटे जाते हैं।
प्रेमानंद महाराज से मिलने या दर्शन करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
सभी भक्तों को महाराज जी के दर्शन और आशीर्वाद निःशुल्क प्राप्त होते हैं।
किसी प्रकार की ऑनलाइन बुकिंग नहीं होती है।
मिलने के लिए डाक्यूमेंट्स जरुरी
अगर आपको टोकन या अपॉइंटमेंट मिल जाता है तो आपको मिलने जाने के लिए अपने साथ एक पहचान पत्र साथ रखना होगा। जैसे आधार कार्ड या कोई अन्य पहचान पत्र। एक वैलिड आईडी प्रूफ जरुरी है।
Premanand Ji Maharaj के आश्रम की समय-सारिणी
| कार्यक्रम | प्रवेश समय | प्रारंभ समय |
|---|---|---|
| परिक्रमा | रात 2:30 बजे | |
| सत्संग | सुबह 3:00 बजे | सुबह 4:15 बजे |
| एकान्तिक वार्ता | सुबह 5:30 बजे | सुबह 6:30 बजे |
| कीर्तन | सुबह 6:15 बजे | सुबह 6:30 बजे |
| एकान्तिक दर्शन | सुबह 7:30 बजे | सुबह 8:00 बजे |


