ट्रम्प की तारीफ करने पर पाकिस्तानी-PM अपने देश में ट्रोल:लोग बोले- शरीफ को चापलूसी का नोबेल दो, हमारे नेता इतने चाटुकार क्यों

ट्रम्प की तारीफ करने पर पाकिस्तानी-PM अपने देश में ट्रोल:लोग बोले- शरीफ को चापलूसी का नोबेल दो, हमारे नेता इतने चाटुकार क्यों

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को उनके ही देश में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का चापलूस और चाटुकार बताकर ट्रोल किया जा रहा है। कुछ सोशल मीडिया ने कहा कि अगर चापलूसी के लिए नोबेल होता, तो शरिफ सबसे बड़े दावेदार होते। दरअसल मिस्र में सोमवार को गाजा पीस समिट के दौरान शरीफ ने ट्रम्प के भारत-पाकिस्तान संघर्ष रुकवाने के दावे का समर्थन किया था और उन्हें शांति पुरुष बताते हुए ट्रम्प के लिए नोबेल की मांग की थी। इस पर ट्रंप ने हंसते हुए कहा था- वाह! मुझे यह उम्मीद नहीं थी। अब घर चलो! यूजर बोले- इतनी शर्मिंदगी पहले नहीं देखी पाकिस्तानी इतिहासकार अम्मार अली जन ने लिखा- ट्रम्प की बेवजह तारीफ से पाकिस्तानी शर्मिंदा हैं। वहीं, एक सोशल मीडिया यूजर वसीम ने कहा- हमारे नेता इतने चाटुकार क्यों हैं? शरीफ ने फिलिस्तीन के मुद्दे का गलत इस्तेमाल किया। लेखक एसएल कंथन ने कहा- ट्रम्प को जूते चमकाने हों तो शरीफ को बुलाते हैं। इतनी शर्मिंदगी पहले नहीं देखी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता हम्माद अजहर ने कहा- दुनिया हमारे नेताओं पर हंस रही है। हमने इन लोगों को नहीं चुना… यह कॉमेडी और घिनौनी चापलूसी हमें भी शर्मसार कर रही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद मजबूत हुए पाकिस्तान-अमेरिका रिश्ते इसी साल मई में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में काफी मजबूत हुए हैं। ट्रम्प ने 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर कराने का दावा किया था, पाकिस्तान ने इस दावे का सपोर्ट किया और ट्रम्प को नोबेल के लिए नॉमिनेट भी किया। वहीं, जून में पाकिस्तान सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने ट्रम्प से सीक्रेट मुलाकात की थी। इसके बाद सितंबर में शहबाज शरीफ और मुनीर ने व्हाइट हाउस में ट्रम्प के साथ बैठक की थी, इस बैठक में शरीफ ने ट्रम्प को शांति दूत कहा था। पाकिस्तान ने अमेरिका को खनिज भेजे, पोर्ट का प्रस्ताव दिया पाकिस्तान ने दो हफ्ते पहले अमेरिका को दुर्लभ खनिजों (रेयर अर्थ मटेरियल) की छोटी खेप भेजी थी। ये खनिज पिछले महीने अमेरिकी कंपनी यूएस स्ट्रैटेजिक मेटल्स (USSM) के साथ हुए 50 करोड़ डॉलर के सौदे के तहत भेजे गए थे। USSM ने इसे पाकिस्तान और अमेरिका के बीच दोस्ती का बड़ा कदम बताया। कंपनी का कहना है कि यह समझौता खनिजों की खोज से लेकर प्रोसेसिंग तक सब कुछ कवर करता है। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर के सलाहकारों ने अमेरिका से बलूचिस्तान में एक पोर्ट डेवलप करने का प्रस्ताव शेयर दिया है। रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तान चाहता है कि अमेरिकी निवेशक बलूचिस्तान के पसनी शहर में अरब सागर के किनारे एक नया पोर्ट डेवलप करके चलाएं। प्रस्ताव में साफ कहा गया है कि यह बंदरगाह सिर्फ व्यापार और खनिजों के लिए है। अमेरिका को यहां सैन्य बेस बनाने की इजाजत नहीं होगी। पासनी, ग्वादर पोर्ट (चीन का बंदरगाह) से सिर्फ 112 किमी दूर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *