धनबाद रेलवे पार्सल ऑफिस में मिले अवैध खरगोश:ओवरलोडिंग और लापरवाही से कुछ की मौत, मुरादाबाद भेजने की थी तैयारी

धनबाद रेलवे पार्सल ऑफिस में मिले अवैध खरगोश:ओवरलोडिंग और लापरवाही से कुछ की मौत, मुरादाबाद भेजने की थी तैयारी

धनबाद रेलवे पार्सल कार्यालय में रविवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब सूचना पर पहुंचे एनिमल एक्टिविस्ट्स ने करीब 500 खरगोशों को अवैध रूप से रखे जाने का आरोप लगाते हुए जोरदार हंगामा किया। एक्टिविस्ट शौमिक बैनर्जी और राणा घोष अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। जांच में पता चला कि शाहा इंटरप्राइजेज इन खरगोशों को धनबाद से मुरादाबाद भेजने की तैयारी कर रहा था। एक्टिविस्ट्स के अनुसार प्रत्येक पिंजरे में अधिकतम 10 खरगोश ले जाने का नियम है, लेकिन यहां कई गुना अधिक संख्या में उन्हें ठूंसकर रखा गया था। चार खरगोशों की मौत, कुछ ने वहीं बच्चे भी दिए छापेमारी के दौरान यह भी सामने आया कि खरगोशों के लिए न तो पानी की कोई व्यवस्था थी और न ही भोजन दिया गया था। लगातार भूख-प्यास और ओवरलोडिंग के कारण करीब चार खरगोशों की मौत हो चुकी थी। वहीं, अत्यधिक तनाव में कुछ खरगोशों ने वहीं बच्चे भी दे दिए। एक्टिविस्ट्स ने चेतावनी दी कि यदि इन्हें तुरंत रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर नहीं भेजा गया, तो बाकी खरगोशों की जान भी खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने इसे एनिमल एक्ट का सीधा उल्लंघन बताया और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की। आरपीएफ, रेल थाना और वन विभाग को दी गई जानकारी घटना की जानकारी राजकीय रेल थाना, आरपीएफ, सिविल सर्जन और वन विभाग को दे दी गई है। पार्सल कर्मचारी रूपक कुमार ने बताया कि आवश्यक कागजात और नियमों के पालन न होने के कारण इस पार्सल को पहले ही रोक दिया गया था। खरगोशों को लेकर आया व्यक्ति अचानक अपनी तबीयत खराब होने का हवाला देकर कार्यालय से निकल गया, जिसके बाद से स्थिति और संदेहास्पद हो गई। फिलहाल प्रशासनिक एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं और एक्टिविस्ट्स की मांग है कि पशुओं को तुरंत सुरक्षित आश्रय में भेजा जाए, ताकि और जानें न जाएं। धनबाद रेलवे पार्सल कार्यालय में रविवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब सूचना पर पहुंचे एनिमल एक्टिविस्ट्स ने करीब 500 खरगोशों को अवैध रूप से रखे जाने का आरोप लगाते हुए जोरदार हंगामा किया। एक्टिविस्ट शौमिक बैनर्जी और राणा घोष अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। जांच में पता चला कि शाहा इंटरप्राइजेज इन खरगोशों को धनबाद से मुरादाबाद भेजने की तैयारी कर रहा था। एक्टिविस्ट्स के अनुसार प्रत्येक पिंजरे में अधिकतम 10 खरगोश ले जाने का नियम है, लेकिन यहां कई गुना अधिक संख्या में उन्हें ठूंसकर रखा गया था। चार खरगोशों की मौत, कुछ ने वहीं बच्चे भी दिए छापेमारी के दौरान यह भी सामने आया कि खरगोशों के लिए न तो पानी की कोई व्यवस्था थी और न ही भोजन दिया गया था। लगातार भूख-प्यास और ओवरलोडिंग के कारण करीब चार खरगोशों की मौत हो चुकी थी। वहीं, अत्यधिक तनाव में कुछ खरगोशों ने वहीं बच्चे भी दे दिए। एक्टिविस्ट्स ने चेतावनी दी कि यदि इन्हें तुरंत रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर नहीं भेजा गया, तो बाकी खरगोशों की जान भी खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने इसे एनिमल एक्ट का सीधा उल्लंघन बताया और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की। आरपीएफ, रेल थाना और वन विभाग को दी गई जानकारी घटना की जानकारी राजकीय रेल थाना, आरपीएफ, सिविल सर्जन और वन विभाग को दे दी गई है। पार्सल कर्मचारी रूपक कुमार ने बताया कि आवश्यक कागजात और नियमों के पालन न होने के कारण इस पार्सल को पहले ही रोक दिया गया था। खरगोशों को लेकर आया व्यक्ति अचानक अपनी तबीयत खराब होने का हवाला देकर कार्यालय से निकल गया, जिसके बाद से स्थिति और संदेहास्पद हो गई। फिलहाल प्रशासनिक एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं और एक्टिविस्ट्स की मांग है कि पशुओं को तुरंत सुरक्षित आश्रय में भेजा जाए, ताकि और जानें न जाएं।  

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