छठी मइया के गीतों से गूंजा फल्गू घाट:गयाजी में नहाए-खाय पर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना, परिवार के खुशहाली की कामना

छठी मइया के गीतों से गूंजा फल्गू घाट:गयाजी में नहाए-खाय पर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना, परिवार के खुशहाली की कामना

लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय छठ पूजा की आज से शुरुआत हो गई है। नहाय खाय को लेकर गयाजी के फल्गु नदी तट पर भास्कर घाट और शहर के तालाबों पर व्रती महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। महिलाओं ने पवित्र स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना कर परिवार की खुशहाली की कामना की। व्रती राधा गुप्ता ने बताया कि फल्गु में स्नान के बाद भगवान सूर्य को प्रणाम कर पूजा की गई। महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाया। सूर्य भगवान से मंगलकामना और इस कठिन व्रत के लिए शक्ति प्रदान की कामना की। इसके बाद घर लौटकर प्रसाद ग्रहण करेंगे। प्रसाद में चावल, चने की दाल, लौकी और फूलगोभी की सब्जी बनती है। अगस्त के फूल से पकौड़े तैयार कर भगवान सूर्य को भोग लगाया जाता है। इसी प्रसाद को घर के सदस्यों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों में वितरित किया जाता है। रविवार को खरना है घाटों पर छठ की छटा देखते ही बन रही थी। महिलाएं पारंपरिक परिधान में भगवान सूर्य की आराधना में लीन थीं। उनके साथ परिजन और बच्चे भी श्रद्धा से स्नान ध्यान में शामिल हुए। ‘छठ मइया के जयकारे’ से पूरा घाट गूंज उठा। मालती गुप्ता ने बताया कि नहाए-खाए से ही इस व्रत की पवित्र शुरुआत होती है। अब कल यानी रविवार से व्रती महिलाएं 36 घंटे के निर्जला उपवास पर रहेंगी। सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया छठ को लेकर नदी से लेकर घर तक उत्साह और आस्था का माहौल है। श्रद्धा, भक्ति और ऊर्जा से पूरा गया शहर छठमय हो उठा है। इस मौके पर वजीरगंज से विधायक और बीजेपी प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह की पत्नी भी भास्कर घाट पर पहुंची। उन्होंने बताया कि भगवान जो भी करेंगे सही ही होगा। भगवान भास्कर पर पूरा भरोसा है। भगवान से क्या मांगना है। सब उनपर छोड़ दिया है। लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय छठ पूजा की आज से शुरुआत हो गई है। नहाय खाय को लेकर गयाजी के फल्गु नदी तट पर भास्कर घाट और शहर के तालाबों पर व्रती महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। महिलाओं ने पवित्र स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना कर परिवार की खुशहाली की कामना की। व्रती राधा गुप्ता ने बताया कि फल्गु में स्नान के बाद भगवान सूर्य को प्रणाम कर पूजा की गई। महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाया। सूर्य भगवान से मंगलकामना और इस कठिन व्रत के लिए शक्ति प्रदान की कामना की। इसके बाद घर लौटकर प्रसाद ग्रहण करेंगे। प्रसाद में चावल, चने की दाल, लौकी और फूलगोभी की सब्जी बनती है। अगस्त के फूल से पकौड़े तैयार कर भगवान सूर्य को भोग लगाया जाता है। इसी प्रसाद को घर के सदस्यों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों में वितरित किया जाता है। रविवार को खरना है घाटों पर छठ की छटा देखते ही बन रही थी। महिलाएं पारंपरिक परिधान में भगवान सूर्य की आराधना में लीन थीं। उनके साथ परिजन और बच्चे भी श्रद्धा से स्नान ध्यान में शामिल हुए। ‘छठ मइया के जयकारे’ से पूरा घाट गूंज उठा। मालती गुप्ता ने बताया कि नहाए-खाए से ही इस व्रत की पवित्र शुरुआत होती है। अब कल यानी रविवार से व्रती महिलाएं 36 घंटे के निर्जला उपवास पर रहेंगी। सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया छठ को लेकर नदी से लेकर घर तक उत्साह और आस्था का माहौल है। श्रद्धा, भक्ति और ऊर्जा से पूरा गया शहर छठमय हो उठा है। इस मौके पर वजीरगंज से विधायक और बीजेपी प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह की पत्नी भी भास्कर घाट पर पहुंची। उन्होंने बताया कि भगवान जो भी करेंगे सही ही होगा। भगवान भास्कर पर पूरा भरोसा है। भगवान से क्या मांगना है। सब उनपर छोड़ दिया है।  

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