झारखंड में बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड के बीच भारती एयरटेल ने राज्य के 61 लाख से अधिक मोबाइल और ब्रॉडबैंड ग्राहकों को साइबर अपराध से बचाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। कंपनी की एआई-संचालित फ्रॉड डिटेक्शन प्रणाली के जरिए इन यूज़र्स को रियल टाइम में सुरक्षा प्रदान की गई है। एयरटेल की यह पहल ऐसे समय पर अहम साबित हो रही है, जब राज्य के रांची, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर, गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़, दुमका और चतरा जैसे जिलों में ऑनलाइन ठगी के मामलों में तेज़ी देखी जा रही है। ऑटोमैटिक रूप से होता है एक्टिवेट एयरटेल की उन्नत तकनीक सभी ग्राहकों के लिए ऑटोमैटिक रूप से एक्टिवेट होती है। यह एसएमएस, व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ईमेल और ब्राउज़र पर आने वाले फिशिंग लिंक को रियल टाइम में स्कैन कर 100 मिलीसेकंड में ब्लॉक कर देती है। यूज़र्स को एक चेतावनी संदेश पर रीडायरेक्ट किया जाता है, जिसमें बताया जाता है कि साइट को खतरनाक मानते हुए ब्लॉक कर दिया गया है। यह सिस्टम रोज़ाना एक अरब से ज्यादा यूआरएल का विश्लेषण करता है। हर वर्ग के लिए मददगार होगा तकनीक झारखंड जैसे डिजिटल रूप से उन्नत लेकिन साइबर खतरों से जूझते राज्य के लिए यह तकनीक सुरक्षा की एक मजबूत परत जोड़ रही है। एयरटेल के बिहार और झारखंड के सीईओ सुजय चक्रवर्ती ने कहा, “हमने एक ऐसा समाधान तैयार किया है जो हर प्लेटफ़ॉर्म पर ग्राहकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाता है। हमें विश्वास है कि यह झारखंड के सभी वर्गों के लिए डिजिटल आत्मनिर्भरता और सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।” आप जिस भाषा में समझेंगे, उसी में बताएगा यह एआई-आधारित प्लेटफ़ॉर्म यूज़र्स को उनकी पसंदीदा भाषा, जैसे हिंदी, में फ्रॉड अलर्ट भेजता है। इससे यह ग्रामीण क्षेत्रों और कम डिजिटल साक्षरता वाले इलाकों में और भी प्रभावी हो गया है। यह सिस्टम बिना किसी इंस्टॉलेशन के बैकग्राउंड में काम करता है और पूरी तरह मुफ्त है। लॉन्च के महज 37 दिनों में एयरटेल ने पूरे देश में 1.88 लाख से अधिक खतरनाक लिंक्स ब्लॉक किए हैं और 8.6 करोड़ यूज़र्स को साइबर धोखाधड़ी से बचाया है। झारखंड में बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड के बीच भारती एयरटेल ने राज्य के 61 लाख से अधिक मोबाइल और ब्रॉडबैंड ग्राहकों को साइबर अपराध से बचाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। कंपनी की एआई-संचालित फ्रॉड डिटेक्शन प्रणाली के जरिए इन यूज़र्स को रियल टाइम में सुरक्षा प्रदान की गई है। एयरटेल की यह पहल ऐसे समय पर अहम साबित हो रही है, जब राज्य के रांची, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर, गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़, दुमका और चतरा जैसे जिलों में ऑनलाइन ठगी के मामलों में तेज़ी देखी जा रही है। ऑटोमैटिक रूप से होता है एक्टिवेट एयरटेल की उन्नत तकनीक सभी ग्राहकों के लिए ऑटोमैटिक रूप से एक्टिवेट होती है। यह एसएमएस, व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ईमेल और ब्राउज़र पर आने वाले फिशिंग लिंक को रियल टाइम में स्कैन कर 100 मिलीसेकंड में ब्लॉक कर देती है। यूज़र्स को एक चेतावनी संदेश पर रीडायरेक्ट किया जाता है, जिसमें बताया जाता है कि साइट को खतरनाक मानते हुए ब्लॉक कर दिया गया है। यह सिस्टम रोज़ाना एक अरब से ज्यादा यूआरएल का विश्लेषण करता है। हर वर्ग के लिए मददगार होगा तकनीक झारखंड जैसे डिजिटल रूप से उन्नत लेकिन साइबर खतरों से जूझते राज्य के लिए यह तकनीक सुरक्षा की एक मजबूत परत जोड़ रही है। एयरटेल के बिहार और झारखंड के सीईओ सुजय चक्रवर्ती ने कहा, “हमने एक ऐसा समाधान तैयार किया है जो हर प्लेटफ़ॉर्म पर ग्राहकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाता है। हमें विश्वास है कि यह झारखंड के सभी वर्गों के लिए डिजिटल आत्मनिर्भरता और सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।” आप जिस भाषा में समझेंगे, उसी में बताएगा यह एआई-आधारित प्लेटफ़ॉर्म यूज़र्स को उनकी पसंदीदा भाषा, जैसे हिंदी, में फ्रॉड अलर्ट भेजता है। इससे यह ग्रामीण क्षेत्रों और कम डिजिटल साक्षरता वाले इलाकों में और भी प्रभावी हो गया है। यह सिस्टम बिना किसी इंस्टॉलेशन के बैकग्राउंड में काम करता है और पूरी तरह मुफ्त है। लॉन्च के महज 37 दिनों में एयरटेल ने पूरे देश में 1.88 लाख से अधिक खतरनाक लिंक्स ब्लॉक किए हैं और 8.6 करोड़ यूज़र्स को साइबर धोखाधड़ी से बचाया है।
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