मुजफ्फरपुर में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने 66 वर्षों में काफी बदलाव देखा है। 1959 में स्थापित यह निगम आज आधुनिक सुविधाओं से लैस है। वर्तमान में मुजफ्फरपुर बस स्टैंड से 210 बसें संचालित हो रही हैं। इनमें 160 सरकारी और 50 पीपीपी मोड की बसें शामिल हैं। सभी बसें सीएनजी और डीजल से चलती हैं। यात्री सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए बसों में विशेष स्विच लगाए गए हैं। ये स्विच कंट्रोल रूम से नियंत्रित होते हैं। यात्री किसी भी समस्या के लिए क्षेत्रीय प्रबंधक से संपर्क कर सकते हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक आशीष कुमार के अनुसार, पहले केवल सेमी डीलक्स नॉन-एसी बसें चलती थीं। अब डीजल से सीएनजी बसों की ओर बदलाव किया गया है। भविष्य में मुजफ्फरपुर से 50 इलेक्ट्रिक एसी बसें चलाने की योजना है। रिटायर्ड कर्मचारी शशि मिश्रा ने बताया कि यह बस स्टैंड पहले नॉर्थ बिहार की सबसे बड़ी बस सेवा थी। अंतरराज्यीय बसें भी यहां से चलती थीं। वर्तमान में केवल झारखंड के लिए अंतरराज्यीय सेवा उपलब्ध है। यूपी, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के लिए भी जल्द सेवा शुरू होगी। पहले कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलता था और उनकी आर्थिक स्थिति खराब थी। बसों की स्थिति भी ठीक नहीं थी। यात्री लंबी दूरी की यात्रा के लिए इन बसों का उपयोग नहीं करना चाहते थे। लेकिन अब आधुनिक सुविधाओं से लैस बसें यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान कर रही हैं। मुजफ्फरपुर में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने 66 वर्षों में काफी बदलाव देखा है। 1959 में स्थापित यह निगम आज आधुनिक सुविधाओं से लैस है। वर्तमान में मुजफ्फरपुर बस स्टैंड से 210 बसें संचालित हो रही हैं। इनमें 160 सरकारी और 50 पीपीपी मोड की बसें शामिल हैं। सभी बसें सीएनजी और डीजल से चलती हैं। यात्री सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए बसों में विशेष स्विच लगाए गए हैं। ये स्विच कंट्रोल रूम से नियंत्रित होते हैं। यात्री किसी भी समस्या के लिए क्षेत्रीय प्रबंधक से संपर्क कर सकते हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक आशीष कुमार के अनुसार, पहले केवल सेमी डीलक्स नॉन-एसी बसें चलती थीं। अब डीजल से सीएनजी बसों की ओर बदलाव किया गया है। भविष्य में मुजफ्फरपुर से 50 इलेक्ट्रिक एसी बसें चलाने की योजना है। रिटायर्ड कर्मचारी शशि मिश्रा ने बताया कि यह बस स्टैंड पहले नॉर्थ बिहार की सबसे बड़ी बस सेवा थी। अंतरराज्यीय बसें भी यहां से चलती थीं। वर्तमान में केवल झारखंड के लिए अंतरराज्यीय सेवा उपलब्ध है। यूपी, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के लिए भी जल्द सेवा शुरू होगी। पहले कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलता था और उनकी आर्थिक स्थिति खराब थी। बसों की स्थिति भी ठीक नहीं थी। यात्री लंबी दूरी की यात्रा के लिए इन बसों का उपयोग नहीं करना चाहते थे। लेकिन अब आधुनिक सुविधाओं से लैस बसें यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान कर रही हैं।
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