बेतिया में चरस तस्करी के एक मामले में NDPS एक्ट की अनन्य विशेष अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कांड के नामजद आरोपित को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने दोषी पर 2 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड नहीं देने की स्थिति में एक साल अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। यह फैसला NDPS के अनन्य विशेष न्यायाधीश आनंद विश्वास धर दुबे ने सुनाया। मामला मुफस्सिल थाना कांड संख्या- 09/23 से संबंधित है। सजा प्राप्त अभियुक्त सर्वजीत चौधरी उर्फ सतरपीत चौधरी उर्फ अजय चौधरी बगहा पुलिस जिला के चौतरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत परसा नगर गांव का रहने वाला है। 2 किलोग्राम चरस बरामद किया गया मामले का संक्षिप्त विवरण यह है कि पुलिस द्वारा वाहन जांच के दौरान अभियुक्त के पास से 2 किलोग्राम चरस बरामद किया गया था। बरामदगी के आधार पर अभियुक्त के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट की धारा 20(b)(ii)(C) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने आरोप-पत्र न्यायालय में समर्पित किया। आरोपी नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी में शामिल था सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने ठोस साक्ष्य और गवाहों के बयान प्रस्तुत करते हुए यह साबित किया कि आरोपी नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी में शामिल था। अदालत ने सभी तथ्यों पर विचार करते हुए उसे दोषी करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार शर्मा ने बहस में अहम भूमिका निभाई। फैसला सुनाए जाने के बाद दोषी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। बेतिया में चरस तस्करी के एक मामले में NDPS एक्ट की अनन्य विशेष अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कांड के नामजद आरोपित को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने दोषी पर 2 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड नहीं देने की स्थिति में एक साल अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। यह फैसला NDPS के अनन्य विशेष न्यायाधीश आनंद विश्वास धर दुबे ने सुनाया। मामला मुफस्सिल थाना कांड संख्या- 09/23 से संबंधित है। सजा प्राप्त अभियुक्त सर्वजीत चौधरी उर्फ सतरपीत चौधरी उर्फ अजय चौधरी बगहा पुलिस जिला के चौतरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत परसा नगर गांव का रहने वाला है। 2 किलोग्राम चरस बरामद किया गया मामले का संक्षिप्त विवरण यह है कि पुलिस द्वारा वाहन जांच के दौरान अभियुक्त के पास से 2 किलोग्राम चरस बरामद किया गया था। बरामदगी के आधार पर अभियुक्त के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट की धारा 20(b)(ii)(C) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने आरोप-पत्र न्यायालय में समर्पित किया। आरोपी नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी में शामिल था सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने ठोस साक्ष्य और गवाहों के बयान प्रस्तुत करते हुए यह साबित किया कि आरोपी नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी में शामिल था। अदालत ने सभी तथ्यों पर विचार करते हुए उसे दोषी करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार शर्मा ने बहस में अहम भूमिका निभाई। फैसला सुनाए जाने के बाद दोषी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।


