नाइजीरिया से पढ़ने आई एक लड़की का मानसिक संतुलन खराब हो गया, वो जालंधर में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के बाहर सड़क पर घूमती, सोती और पागलों जैसी हरकतें करती। कभी पूरे कपड़े नहीं पहनती तो कई दिन तक बिना खाना खाए रहती। मुनखता दी सेवा सब तों बड्डी सेवा सोसाइटी के गुरप्रीत सिंह मिंटू को सूचना मिली तो उन्होंने उस लड़की को रेस्क्यू किया। गुरप्रीत सिंह उसे रेस्क्यू करके लुधियाना में सपनों के घर में लेकर आए। साढ़े पांच महीने तक उसका उपचार किया और उसे बिल्कुल ठीक किया। जब वो ठीक होने लगी तो गुरप्रीत सिंह ने उसे वापस नाइजीरिया भेजने की प्रक्रिया शुरू की। समस्या यह थी कि उसके पास कोई भी दस्तावेज नहीं थे। फिर उन्होंने नाइजीरियन अंबेसी से संपर्क साधा और उसे वापस उसके घर भेज दिया। सड़क से वापस अपने घर जाने की कहानी: 30 अप्रैल को रेस्क्यू करके लाए थे लुधियाना गुरप्रीत सिंह मिंटू को सूचना मिली कि लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के बाहर एक नाइजीरियन गर्ल पागल हालात में घूमती हे। उसे न तो खुद के बारे में पता है और न ही उसके पास कोई दस्तावेज हैं। वह करीब चार-पांच महीने से वहां पर बदहाल स्थिति में रह रही थी। मिंटू अपनी टीम लेकर 30 अप्रैल को वहां पहुंचे। उस दिन कुछ लोगों ने उसे कपड़े व खाना दिया था। लड़की को रेस्क्यू करने की कोशिश की। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे पकड़ा और अपने साथ लेकर आए। उसने अपने शहर का नाम जरूर बताया था तो उन्होंने वहीं से अंबेसी को भी वीडियो भेज दिया। अपना नाम तक नहीं जानती थी नाइजीरियन गर्ल गुरप्रीत सिंह मिंटू बताते हैं कि जब उसे लेकर आए तो उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। सपनों के घर में लाकर उसे नहलाया उसे साफ सुथरे कपड़े पहनाए और फिर उससे बातचीत की। वो पंजाबी और हिंदी नहीं समझती थी तो उसके साथ अंग्रेजी में कम्युनिकेट किया। उसे अपना नाम तक याद नहीं था। धीरे धीरे उसे याद आया और उसने अपना नाम शैरॉन बताया। शैरॉन ने बताया कि किसी ने उसके दस्तावेज छीन लिए थे शैरॉन जेसे जैसे ठीक होने लगी तो उसे पुरानी याद आने लगी। उसने गुरप्रीत सिंह मिंटू को बताया कि किसी ने उसके दस्तावेज छीन लिए थे। धीरे धीरे उसका मानिसक संतुलन बिगड़ने लगा और उसके बाद क्या हुआ कैसे रही उसे नहीं पता। नाइजीरियन अंबेसी से संपर्क साधा और डिटेल ली गुरप्रीत सिंह ने बताया कि जब उसने अपना नाम व एड्रेस बताया तो उसके बारे में अंबेसी में संपर्क साधा। अंबेसी को उसके शहर का नाम व घर का पता बताया। अंबेसी ने उसके दस्तावेज तैयार करवाए। उन्होंने बताया कि फिर उसे वापस नाइजीरिया भेजने की तैयारी शुरू की। 16 अक्तूबर को उसे दिल्ली से नाइजीरिया की फ्लाइट में बैठाया मनुखता दी सेवा सब तों बड्डी सेवा सोसाइटी के सदस्य उसे छोड़ने दिल्ली एयरपोर्ट तक गए और फिर उसे नाइजीरिया की फ्लाइट में बैठाकर वापस आए। जाते जाते वह बहुत भावुक थी और सपनों के घर को अपना घर समझने लगी थी। उसने वादा किया कि वो जरूर दोबारा सपनों के घर जरूर आएगी। पंजाबी बोलने लगी थी शैरॉन गुरप्रीत सिंह मिंटू ने बताया कि शैरॉन 30 अप्रैल 2025 को लेकर आए। वह 16 अक्तूबर तक यहां पर रही। इस दौरान उसने पंजाबी बोलनी भी सीख ली थी। यही नहीं जाते जाते वो सपनों के घर में अन्य लोगों के साथ खुद भी सेवा करने में जुट गई थी। ——– एक नाइजीरियन को फरवरी में भेजा था घर पिछले साल सितंबर में गुरप्रीत सिंह मिंटू को दिल्ली से फोन आया कि यहां पर तीन साल से एक नाइजीरियन व्यक्ति हे जो कि पागलों की तरह रहता है। अगर कोई उसकी मदद करता है तो वह मदद भी नहीं लेता है और कहता है कि वह सात बिलियन का मालिक है। उसके बाद गुरप्रीत सिंह मिंटू अपनी टीम के साथ दिल्ली पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद उसे रेस्क्यू करके सपनों के घर में लाए। फरवरी तक उसे यहां पर रखा और 17 फरवरी को उसे भी उसके घर पहुंचा दिया। नाइजीरियन अंबेसी ने किया गुरप्रीत सिंह मिंटू को सम्मानित गुरप्रीत सिंह मिंटू और उनके साथियों की सेवा को देखते हुए नाइजीरियन अंबेसी ने उन्हें विशेष तौर पर सम्मानित किया। अंबेसी ने उन्हें नाइजीरियन नागरिकों की मदद के लिए विशेष सम्मान प्त्र दिया। यह सम्मान उन्हें दो दिन पहले दिल्ली में दिया गया। सपनों के घर में बेसहारा लोगों को मिलता है सहारा सपनों के घर में सैकड़ों की तादाद में बेसहारा, अपाहिजों व सड़कों पर जीवन बिता रहे लोगों को सहारा मिलता है। गुरप्रीत सिंह ने बताया कि संगत के सहयोग से उनकी संस्था लोगों की सेवा कर रही है। उन्होंने कहा कि सतगुरु ने उन्हें सेवा का मौका दिया है तो वो कर रहे हैं।


