इंदौर सहित प्रदेश के चुनिंदा प्रमुख शहरों और इनकी तहसीलों में राज्य सरकार हेलिपैड बनाने जा रही है। इसके लिए इंदौर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर जैसे शहर चुने गए हैं। सिंहस्थ 2028 में आने वाले वीआईपी, वीवीआईपी और ट्रैफिक को देखते हुए यह व्यवस्था स्थायी तौर पर की जाएगी, ताकि किसी भी तरह से एयर ट्रैफिक को कंट्रोल करने में मदद मिल सके। सरकार का पूरा फोकस इंदौर पर है। पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव की बैठक में इंदौर प्रशासन को खासतौर पर तहसीलवार जमीनें तलाशने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक अपर मुख्य सचिव विमानन संजय कुमार शुक्ला ने इंदौर सहित ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर और उज्जैन के कलेक्टर से इस संबंध में बात की है। सभी कलेक्टर्स व संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी जिला व तहसील मुख्यालयों पर हेलीपैड निर्माण की योजना है। इसके लिए अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में हेलीपैड निर्माण के लिए स्थान चिह्नित कर लें। हेलीपैड शासकीय संस्थानों विशेषकर उच्च शिक्षा संस्थानों, यूनिवर्सिटी, निगम मुख्यालय आदि सुरक्षित स्थानों पर बनाए जाएंगे। बैठक में शामिल अपर कलेक्टर नवजीवन विजय पंवार ने बताया कि इंदौर में भंवरकुआं चौराहा स्थित शासकीय अटल बिहारी वाजपेयी कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय परिसर (जीएसीसी) व मूसाखेड़ी रिंग रोड स्थित पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय में हेलीपैड के लिए स्थान चिह्नित किए गए हैं। आईडीए, टीएंडसीपी, पीडब्ल्यूडी से लेंगे सहयोग
अपर मुख्य सचिव ने इंदौर बायपास रोड और उज्जैन रोड स्थित अरबिंदो परिसर में भी हेलीपैड निर्माण के लिए स्थान चिह्नित करने का सुझाव दिया। हेलिपैड निर्माण की योजना जिला मुख्यालयों के अलावा सभी तहसील मुख्यालयों पर भी है, इसलिए इंदौर जिले में सांवेर, देपालपुर, महू, राऊ, हातोद आदि तहसीलों में भी हेलीपैड निर्माण के लिए स्थान चिह्नित किए जाएंगे। इस काम में आईडीए, टीएंडसीपी, पीडब्ल्यूडी आदि संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा। भास्कर इनसाइट ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का प्रस्ताव आज तक आगे नहीं बढ़ा
इंदौर सहित प्रदेश में निवेश के लिए हुई बैठकों में निवेशकों ने मांग की थी कि एयर कनेक्टिविटी के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाए, जिसमें बड़े स्तर पर कार्गो सुविधा भी हो। एमपीआईडीसी ने पांच साल पहले इसके लिए काम शुरू किया था। डीपीआर बनी और चापड़ा-हाटपीपल्या में हजारों एकड़ जमीन भी बिक गई। फिर सीएम डॉ. यादव ने इंदौर-उज्जैन के बीच, बड़नगर, देवास-मक्सी के बीच जगह तलाशने के लिए कहा था। हालांकि अब तक यह मामला प्रस्ताव से आगे नहीं बढ़ पाया।


