बजरिया में दिनदहाड़े घर में घुस कर लूटपाट के बाद 71 वर्षीय प्रेमलता मिश्रा की हत्या करने वाला पड़ोसी उन्हें मौसी कह कर बुलाता था। इसी आत्मीय मेल–जोल को बढ़ा कर हत्यारे ने साथियों के साथ घटना को अंजाम दिया। पुलिस इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन लूटे गए जेवरातों की बरामदगी न होने के कारण खुलासा नहीं किया गया है। जेवरातों की बरामदगी के लिए पुलिस टीम कानपुर देहात और फतेहपुर रवाना हो चुकी है। पीरोड स्थित हरसहाय जगदंबा सहाय इंटर कालेज में रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष रहे रिटायर्ड टीचर सुनील कृष्ण मिश्रा रामबाग पार्क के पास रहते हैं। बीते सात साल पहले उनकी 71 वर्षीय पत्नी प्रेमलता मिश्रा पैरालिसिस अटैक पड़ा था। बुधवार दोपहर सुनील कृष्ण आम खरीदने के लिए निकले थे। करीब दो घंटे बाद लौटे तो पत्नी का शव कमरें में पड़ा हुआ था और कमरे का ताला टूटा था। उन्होंने अंदर जाकर देखा तो अलमारियों में रखा करीब 2 लाख कैश व 8 लाख तक के जेवरात गायब मिले थे। हत्यारों से प्रेमलता ने संघर्ष किया था, जिस कारण उनके सीने में खरोंच के निशान मिले थे। साथ ही उनकी चूड़ियां भी टूटी पड़ी मिली थीं। बजरिया पुलिस, क्राइम ब्रांच व सर्विलांस टीम ने घटनास्थल से 500 मीटर तक के दायरे में 200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे जांचे, जिसमें संदिग्ध कैद हुआ था। उसकी पहचान प्रेमलता के पड़ोसी के रूप में हुई। पुलिस पड़ोसी व उसके साथी को उन्नाव गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद पुलिस ने चमनगंज निवासी एक अन्य हत्यारे को भी गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अब तक लूटे हुए जेवरात पुलिस के हाथ नहीं लगे है। जेवरात की बरामदगी के लिए दो टीमें कानपुर देहात और फतेहपुर रवाना हुई हैं।
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