बाढ़ से हर साल होने वाले जान-माल के नुकसान को देखते हुए मुंगेर जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने एक सराहनीय और अनूठी पहल की है। मुंगेर जिले के 6 प्रखंडों में बच्चों को तैराकी का प्रशिक्षण दे रहा है, ताकि वे आपदा के समय खुद के साथ-साथ दूसरों की भी जान बचा सकें। गोताखोर सिखा रहे तैराकी, 2400 बच्चों को मिलेगी ट्रेनिंग यह ट्रेनिंग कार्यक्रम सदर, धरहरा, जमालपुर, बरियारपुर, हवेली खड़गपुर और असरगंज प्रखंड में चल रहा है। मास्टर ट्रेनर जितेंद्र साहनी के मुताबिक, हर प्रखंड में लगभग 400 बच्चे तैराकी सीख रहे हैं। यानी कुल मिलाकर करीब 2400 बच्चे इस अभियान का हिस्सा बनेंगे। चारों ओर लगाया गया है जाल प्रशिक्षण स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पोखर, गंगा घाट या तालाब के चारों ओर बांस और जाल लगाए गए हैं, ताकि बच्चे गहरे पानी में न जा सकें। प्रशिक्षक बच्चों को सावधानीपूर्वक अभ्यास करा रहे हैं। 19 जून तक चलेगा प्रशिक्षण, मिलेगा प्रमाण पत्र तैराकी प्रशिक्षण पूरी तरह नि:शुल्क है और यह 19 जून तक चलेगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद बच्चों को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, जिससे उनका मनोबल बढ़ेगा और आगे जरूरत पड़ने पर वे अपनी दक्षता का उपयोग कर सकेंगे। अभिभावक भी उत्साहित, बच्चों का हो रहा पंजीकरण इस पहल को लेकर अभिभावकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। वे खुद अपने बच्चों को प्रशिक्षण केंद्र तक ला रहे हैं और उनका नामांकन करवा रहे हैं। अधिकांश परिवारों का मानना है कि यह प्रशिक्षण बच्चों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है। बाढ़ से हर साल होने वाले जान-माल के नुकसान को देखते हुए मुंगेर जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने एक सराहनीय और अनूठी पहल की है। मुंगेर जिले के 6 प्रखंडों में बच्चों को तैराकी का प्रशिक्षण दे रहा है, ताकि वे आपदा के समय खुद के साथ-साथ दूसरों की भी जान बचा सकें। गोताखोर सिखा रहे तैराकी, 2400 बच्चों को मिलेगी ट्रेनिंग यह ट्रेनिंग कार्यक्रम सदर, धरहरा, जमालपुर, बरियारपुर, हवेली खड़गपुर और असरगंज प्रखंड में चल रहा है। मास्टर ट्रेनर जितेंद्र साहनी के मुताबिक, हर प्रखंड में लगभग 400 बच्चे तैराकी सीख रहे हैं। यानी कुल मिलाकर करीब 2400 बच्चे इस अभियान का हिस्सा बनेंगे। चारों ओर लगाया गया है जाल प्रशिक्षण स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पोखर, गंगा घाट या तालाब के चारों ओर बांस और जाल लगाए गए हैं, ताकि बच्चे गहरे पानी में न जा सकें। प्रशिक्षक बच्चों को सावधानीपूर्वक अभ्यास करा रहे हैं। 19 जून तक चलेगा प्रशिक्षण, मिलेगा प्रमाण पत्र तैराकी प्रशिक्षण पूरी तरह नि:शुल्क है और यह 19 जून तक चलेगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद बच्चों को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, जिससे उनका मनोबल बढ़ेगा और आगे जरूरत पड़ने पर वे अपनी दक्षता का उपयोग कर सकेंगे। अभिभावक भी उत्साहित, बच्चों का हो रहा पंजीकरण इस पहल को लेकर अभिभावकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। वे खुद अपने बच्चों को प्रशिक्षण केंद्र तक ला रहे हैं और उनका नामांकन करवा रहे हैं। अधिकांश परिवारों का मानना है कि यह प्रशिक्षण बच्चों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है।
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