किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड के तुलसिया पंचायत में मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। बांसबाड़ी गांव के वार्ड नंबर 9 और 10 में बिना काम कराए ही मजदूरी की राशि निकाल ली गई। बता दें कि खालिद हुसैन अकबर ने जिलाधिकारी विशाल राज को दिए आवेदन में यह मामला उजागर किया है। ग्रामीणों ने वार्ड मेंबर रुकसाद और अन्य लोगों पर बिना श्रम कराए मजदूरी निकालने का आरोप लगाया है। कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बांसबाड़ी गांव में नदी किनारे स्वर्गीय सहा आलम की जमीन से लगभग 12 फीट मिट्टी निकाली गई। इस मिट्टी का उपयोग अररिया-गलगतिया रेलवे लाइन निर्माण में किया गया। बाद में उसी स्थान पर मनरेगा योजना का बोर्ड लगाकर इन गड्ढों को योजना के तहत किए गए कार्य के रूप में दिखाया गया। कोई काम नहीं किया, खातों में जमा हो गई मजदूरी की राशि सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर अप्रैल 2025 का कार्य दिखाया गया, जिसकी मृत्यु 6 महीने पहले ही हो चुकी थी। कई जॉब कार्ड धारकों जैसे रहमानी बेगम, तमन्ना बेगम, नीमा खातून, गुलाबी प्रवीण और सीमा प्रवीण ने शपथ पत्र में स्वीकार किया है कि उन्होंने कोई काम नहीं किया। फिर भी उनके खातों में मजदूरी की राशि जमा की गई। वार्ड मेंबर रुकसाद पर लगा यह आरोप वार्ड मेंबर रुकसाद पर आरोप है कि उन्होंने लोगों के जॉब कार्ड बनवाकर उन्हें प्रति माह 300 रुपये देने का वादा किया। इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी, पीओ दिघलबैंक, डीडीसी, बिहार के मुख्यमंत्री और भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय को भी भेजी गई है। किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड के तुलसिया पंचायत में मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। बांसबाड़ी गांव के वार्ड नंबर 9 और 10 में बिना काम कराए ही मजदूरी की राशि निकाल ली गई। बता दें कि खालिद हुसैन अकबर ने जिलाधिकारी विशाल राज को दिए आवेदन में यह मामला उजागर किया है। ग्रामीणों ने वार्ड मेंबर रुकसाद और अन्य लोगों पर बिना श्रम कराए मजदूरी निकालने का आरोप लगाया है। कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बांसबाड़ी गांव में नदी किनारे स्वर्गीय सहा आलम की जमीन से लगभग 12 फीट मिट्टी निकाली गई। इस मिट्टी का उपयोग अररिया-गलगतिया रेलवे लाइन निर्माण में किया गया। बाद में उसी स्थान पर मनरेगा योजना का बोर्ड लगाकर इन गड्ढों को योजना के तहत किए गए कार्य के रूप में दिखाया गया। कोई काम नहीं किया, खातों में जमा हो गई मजदूरी की राशि सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर अप्रैल 2025 का कार्य दिखाया गया, जिसकी मृत्यु 6 महीने पहले ही हो चुकी थी। कई जॉब कार्ड धारकों जैसे रहमानी बेगम, तमन्ना बेगम, नीमा खातून, गुलाबी प्रवीण और सीमा प्रवीण ने शपथ पत्र में स्वीकार किया है कि उन्होंने कोई काम नहीं किया। फिर भी उनके खातों में मजदूरी की राशि जमा की गई। वार्ड मेंबर रुकसाद पर लगा यह आरोप वार्ड मेंबर रुकसाद पर आरोप है कि उन्होंने लोगों के जॉब कार्ड बनवाकर उन्हें प्रति माह 300 रुपये देने का वादा किया। इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी, पीओ दिघलबैंक, डीडीसी, बिहार के मुख्यमंत्री और भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय को भी भेजी गई है।
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