भारत बोइंग-787 विमानों को उड़ने से रोका जा सकता है:सिक्योरिटी रिव्यू के लिए ग्राउंड करने की तैयारी; अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद फैसला

केंद्र सरकार बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमान को उड़ान भरने से रोकने पर विचार कर रही है। NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया कि, सिक्योरिटी रिव्यू के लिए विमानों को ग्राउंड किया जा सकता है। यह फैसला अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश के बाद लिया गया है। एअर इंडिया का विमान 12 जून को अहमदाबाद में क्रैश हुआ था। इसमें अब तक 265 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इनमें से 241 मृतक विमान में सवार पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स थे। 5 मृतक उस मेडिकल हॉस्टल के हैं, जहां प्लेन क्रैश हुआ था। बोइंग ड्रीमलाइनर की सवाल-जवाब में पूरी जानकारी… सवाल 1: बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर क्या है? जवाब: बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एक आधुनिक, मिड-साइज, ट्विन-इंजन, वाइड-बॉडी जेट विमान है, जिसे बोइंग ने बनाया है। ये लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है और पुराने बोइंग 767 को रिप्लेस करने के लिए लाया गया। ये फ्यूल-एफिशिएंट विमान है। सवाल 2: इस विमान का इतिहास क्या है? जवाब: बोइंग ने 2003 में इसे 7E7 प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया, जिसका नाम बाद में 5 लाख ऑनलाइन वोट्स से ड्रीमलाइनर रखा गया। पहली उड़ान 2009 में हुई, और पहला विमान 2011 में ANA को डिलीवर हुआ। शुरुआत में कुछ देरी हुई, लेकिन अब ये दुनिया भर में पॉपुलर है। 15 साल के इतिहास में ये विमान पहली बार क्रैश हुआ है। इससे पहले लीथियम आयन बैटरियों में आग और बॉडी के जोड़ों में गैप जैसी शिकायतें आई थी। सवाल 3: भारत से इसका क्या कनेक्शन है? जवाब: भारत में एयर इंडिया इसका इस्तेमाल करती है। 2012 में एयर इंडिया ने साउथ कैरोलिना प्लांट से पहला 787-8 लिया था। ये दिल्ली-न्यूयॉर्क, मुंबई-लंदन जैसे लंबे रूट्स पर उड़ता है। सवाल 4: इसकी रेंज और यात्री क्षमता कितनी है? जवाब: ये 200-250 यात्रियों को ले जा सकता है और करीब 14,000 किमी तक उड़ सकता है। यानी दिल्ली से न्यूयॉर्क या टोक्यो जैसे लंबे रूट्स आसानी से कवर कर सकता है। सवाल 5: ये कितना फ्यूल बचाता है? जवाब: बोइंग 787-8, बोइंग 767 जैसे विमानों से 20-25% कम ईंधन खर्च करता है। सवाल 6: इस विमान में ऐसा क्या खास है? जवाब: इसमें कई खास चीजें हैं: सवाल 7: इसका इंजन और परफॉरमेंस कैसा है? जवाब: इसमें दो इंजन हैं- रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 या जनरल इलेक्ट्रिक GEnx। ये 60% कम शोर करते हैं। इसकी क्रूज़ स्पीड मैक 0.85 है। इसके पंखों की टिप्स ऊपर मुड़ी हैं, जो टर्बुलेंस और हवा का प्रतिरोध कम करती हैं। सवाल 8: यात्रियों के लिए क्या सुविधाएं हैं? जवाब: सवाल 9: पर्यावरण के लिए ये कितना अच्छा है? जवाब: ये 20-25% कम ईंधन खर्च करता है और 50% कम CO2 उत्सर्जन करता है। इसके इंजन 60% कम शोर करते हैं, जिससे हवाई अड्डों के आसपास कम परेशानी होती है। इसका प्रोडक्शन साउथ कैरोलिना के नेट-ज़ीरो उत्सर्जन प्लांट में होता है। दुनिया भर में ड्रीमलाइनर 787-8 से जुड़े विवाद… विवाद-1: लीथियम आयन बैटरियों में आग, 3 महीने दुनिया में ड्रीमलाइनर नहीं उड़ा जनवरी 2013 में दो नए ड्रीमलाइनर 787-8 विमान जापान की दो एयरलाइन कंपनियों के बेड़े में शामिल किए गए थे। इनमें लगी लीथियम आयन (Li-Ion) बैटरी में आग लग गई। एक विमान में आग तब लगी जब वह बोस्टन के एयरपोर्ट पर पार्किंग में खड़ा था, जबकि दूसरा ड्रीमलाइनर उड़ान भर चुका था। आग लगने के चलते उसकी इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी। असरः इसके बाद अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 3 महीने के लिए दुनिया भर में सभी ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों पर रोक लगा दी थी। बोइंग ने अपने बैटरी सिस्टम और उसके इंसुलेशन यानी बैटरी को इंजन की गर्मी से बचाने के तरीके में सुधार किए। विवाद-2: बॉडी के जोड़ों में गैप की शिकायत, बोइंग ने गलती मानी 2020 से 2022 के दौरान ड्रीमलाइनर में कई बार मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट की खबरें आईं। दरअसल, ड्रीमलाइनर एक वाइड-बॉडी पैसेंजर प्लेन है। इसके हिस्से अलग-अलग बनते हैं, जिन्हें बाद में जोड़ा जाता है। इस दौरान कई विमानों में बॉडी के जोड़े गए हिस्सों में ज्यादा गैप की शिकायत आई। बॉडी में इस्तेमाल होने वाले कार्बन-फाइबर के हिस्सों को भी ठीक से नहीं जोड़ा गया था। बॉडी का झुकाव भी ठीक नहीं था। असर: 2020 से 2022 के दौरान बोइंग ने एयरलाइंस को ड्रीमलाइनर की डिलीवरी रोक दी। FAA ने निगरानी बढ़ाई और कई दूसरी कंपनियों को एयरक्राफ्ट डिलीवर करने की मंजूरी दी। बोइंग ने भी माना कि ड्रीमलाइनर की मैन्युफैक्चरिंग में कई तरह की गड़बड़ी थी। विवाद-3: विमान के हिस्से जोड़ने का तरीका बदला, हवा में टूटने का खतरा अप्रैल 2024 में बोइंग में काम करने वाले एक व्हिसलब्लोअर ने दावा किया था कि ड्रीमलाइनर 787 की बॉडी के कुछ हिस्से ठीक से नहीं जुड़े हैं और ये उड़ानों के दौरान बीच में ही टूट सकते हैं। ये व्हिसलब्लोअर इंजीनियर सैम सालेह थे, जो दस साल से ज्यादा समय से बोइंग में काम कर रहे थे। सैम ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में दावा किया था कि विमान के कई हिस्सों को एक साथ जोड़ने के तरीके में बदलाव करने से ये दिक्कत हुई है। विमान के धड़ के टुकड़े अलग-अलग कंपनियों से बनकर आते हैं। ये एक साथ जोड़ने पर ठीक से फिट नहीं बैठते हैं। असर: इन आरोपों के बाद बोइंग के प्रवक्ता पॉल लुईस ने माना था कि मैन्युफैक्चरिंग के तरीके में बदलाव हुए हैं, लेकिन इससे विमान की मजबूती और उसकी लाइफ पर कोई असर नहीं पड़ा है।’ बोइंग ने ये भी कहा था कि वह विमान के इन्फ्रास्ट्रक्चर की जांच कर रहे हैं। हालांकि बाद में एक और बयान में बोइंग ने सैम के दावों को नकार दिया था और ड्रीमलाइनर 787 को पूरी तरह सुरक्षित बताया था। विवाद-4: इंजन फेल्योर, ऑयल लीकेज समेत कई टेक्निकल खामियों की शिकायत बोइंग 787-8 में पारंपरिक विमानों की तुलना में ज्यादा इलेक्ट्रिकल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। जैसे- हाइड्रोलिक सिस्टम के बजाय इलेक्ट्रिक मोटर्स। इस कारण इसमें टेक्निकल खामियां भी सामने आईं। बोइंग 787-8 में इस्तेमाल होने वाले जनरल इलेक्ट्रिक GEnx और रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 इंजनों में कई बार तकनीकी खराबी की शिकायतें आईं। इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल सिस्टम का फेल्योर, विंडशील्ड में दरार, फ्यूल लीकेज और सॉफ्टवेयर में गड़बड़ियां होती रहीं। 2024 में जापान में 787-8 की टेक्निकल कमियों की वजह से हादसा हुआ। जब ANA एयरलाइंस के 787-8 में हाइड्रोलिक ऑयल लीक हुआ, जिसके बाद विमान को रनवे पर ही रोकना पड़ा। असर: इस हादसे के बाद बोइंग कंपनी और इसके इंजन सप्लायर्स पर खराब रखरखाव और टेस्टिंग में लापरवाही बरतने के आरोप लगे। एक्सपर्ट्स ने तो यहां तक कहा कि इंजन की डिजाइन में कमियां हो सकती हैं, जिससे लंबे समय तक उड़ान के दौरान हादसा हो सकता है। इन समस्याओं की वजह से कई एयरलाइंस ने अपने 787-8 विमानों को अस्थायी रूप से ग्राउंड कर दिया। इससे उड़ानें रद्द हुईं और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। ***** क्रैश से जुड़ी अन्य खबरें…

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