बांग्लादेश से अल्संख्यक हिंदू नहीं, बहुसंख्यक समुदाय के लोग आ रहे भारत, हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा दावा

बांग्लादेश से अल्संख्यक हिंदू नहीं, बहुसंख्यक समुदाय के लोग आ रहे भारत, हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा दावा
बांग्लादेश में आशांति के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हाल में बांग्लादेश से राज्य में आने वाले लोगों में ज्यादातर पड़ोसी देश के ‘बहुसंख्यक समुदाय’ के लोग हैं, न कि वहां के अल्पसंख्यक हिंदू हैं। उन्होंने दावा किया कि जो लोग अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर रहे हैं, वे मुस्लिम-बहुल बांग्लादेश में कपड़ा उद्योग के श्रमिक हैं, जो वहां संकट के बाद खराब स्थिति में हैं, और वे उसी क्षेत्र में शामिल होने के लिए तमिलनाडु जाना चाहते हैं।
 

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दक्षिणी राज्य में DMK का शासन है, जो कि इंडिया गुट का एक घटक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति के कारण उस देश में कपड़ा उद्योग का पतन हो गया है। मजदूर, जो वहां बहुसंख्यक हैं लेकिन हमारे देश में अल्पसंख्यक हैं, सीमा पार करने की कोशिश कर रहे हैं। वे तमिलनाडु में कपड़ा उद्योगों में जाने के लिए देश में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं, और इन उद्योगों के मालिक उन्हें सस्ते श्रम प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। 
सीएम ने कहा कि उस देश में हिंदू अल्पसंख्यक अत्याचारों का सामना करने के बावजूद अब आने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, शायद इसलिए क्योंकि वे ”बहुत देशभक्त” हैं। उन्होंने बहुत परिपक्व तरीके से व्यवहार किया है, और पिछले पांच महीनों के दौरान कोई भी बांग्लादेशी हिंदू असम नहीं आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस देश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के लिए अनुकूल माहौल बनाने में मदद करने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं।
 

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उन्होंने दावा किया, ”यह आमद मुख्य रूप से पड़ोसी देश की अर्थव्यवस्था के पतन के कारण है।” अगरतला में हाल ही में नॉर्थ ईस्ट काउंसिल (एनईसी) की बैठक में इस मामले पर चर्चा की गई थी। इस संबंध में मेरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी चर्चा हुई है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल में अपने समकक्षों के साथ भी इस मामले पर चर्चा की है। 
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