प्रेमिका के लिए बना फर्जी सिपाही, पुलिस के हत्थे चढ़ा तो दिखाने लगा कमिश्नर की धौंस

प्रेमिका के लिए बना फर्जी सिपाही, पुलिस के हत्थे चढ़ा तो दिखाने लगा कमिश्नर की धौंस

Fake constable arrested: यूपी पुलिस की वर्दी पहन एक शातिर शादीशुदा प्रेमिका के खातिर साल भर शहर में उगाही करता रहा। यूपी के मायापुर रूपपुर मिर्जापुर, सहारनपुर निवासी संजय कुमार पुत्र कलीराम पिछले एक साल से उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में उत्तर प्रदेश पुलिस का सिपाही बनकर घूम रहा था। पुलिस जांच में सामने आया है कि संजय का काठगोदाम क्षेत्र में एक विवाहिता से प्रेम प्रसंग चल रहा था। रविवार रात कृष्णा विहार कॉलोनी काठगोदाम निवासी कैलाश चंद्र पांडे ने काठगोदाम पुलिस तहरीर सौंपी। कैलाश ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपने भाई गिरीश चंद्र पांडे के कहने पर संजय कुमार कमरा किराए पर दिया था। संजय ने कैलाश को बताया था कि वह यूपी पुलिस का सिपाही है। बीते 5 जनवरी को कैलाश ने उसकी विचित्र हरकतें देख उसे घर में घुसने नहीं दिया। पुलिस ने जब संजय को हिरासत में लिया तो उसकी पूरी पोल खुल गई। जांच में पता चला कि संजय यूपी पुलिस का सिपाही नहीं, बल्कि किसी एजेंसी में काम करता है। वह प्रेमिका के खातिर काठगोदाम में रह रहा था।

शादीशुदा महिला से प्रेम प्रसंग

पुलिस जांच में सामने आया कि संजय का हल्द्वानी क्षेत्र में एक शादीशुदा महिला से प्रेम प्रसंग चल रहा है। प्रेमिका के खातिर ही संजय पिछले एक साल से हल्द्वानी क्षेत्र में रहकर खुद को यूपी पुलिस का सिपाही बता रहा था। जांच में सामने आया कि संजय यहां पर नकली वर्दी पहनकर वाहनों से अवैध वसूली भी कर रहा था। उसने वर्दी के अलावा फर्जी आईकार्ड भी बनाया ।

ये भी पढ़ें- Weather Report:11-12 जनवरी को पूरे राज्य में झमाझम बारिश और पहाड़ों में बर्फबारी की चेतावनी

कमिश्नर से बात कराऊं क्या…

नकली सिपाही प्रकरण का राज खुलने के बाद भी शातिर संजय खुद को पुलिस कर्मी बताता रहा। सोमवार को जब पुलिस उसे गिरफ्तार करने गई तो पूछताछ करने पर वह एसओ काठगोदाम दीपक बिष्ट पर ही चढ़ बैठा। जानकारी लेने के दौरान फर्जी सिपाही ने एसओ से कहा कि वह यूपी पुलिस में नवंबर 2020 बैच का सिपाही है। इतने में फर्जी सिपाही ने एसओ से कहा कि ज्यादा जानकारी चाहिए तो वह सीधा कमिश्नर दीपक रावत से बात कराएगा। कहा कि कमिश्नर उसके खास हैं, रोज बातचीत होती है। यही नहीं आरोपी ने कहा कि पोस्टिंग के बारे में वह सीधा एसपी सहारनपुर से भी उनकी बात करा सकता है। इसके बाद एसओ ने पता किया तो मालूम हुआ कि मामला फर्जी है।

No tags for this post.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *