राकेश सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक केंद्रीय जल आयोग कौशल मुदगल के साथ भास्कर एक्सपर्ट स्वर्ण रेखा नदी में सीमेंट-कंक्रीट का फ्लोर होने के साथ वहां सीवर नेटवर्क भी है। जिससे 2 प्रकार की परेशानी आती है। पहली- उसकी जमीन पर बारिश का पानी व्यवस्थित व पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंचता। दूसरी- सीवर लीकेज के कारण पानी प्रदूषित हो जाता है। ऐसे में एलिवेटेड कॉरिडोर की छत (सड़क) का पानी सीधे जमीन के गर्भ में उतारना जरूरी है। इसलिए गिरवाई रोड से शर्मा फार्म रोड तक बन रहे एलिवेटेड कॉरिडोर पर वाटर हार्वेस्टिंग लाइन से पानी भू-गर्भ में पहुंचाने का प्लान है। पीडब्ल्यूडी एवं अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ स्वर्णरेखा में रिचार्जिंग क्षमता की जांच की। इसमें पाया कि 400 लीटर पानी गड्ढे में जमीन ने सिर्फ आधे घंटे में पानी सोख लिया, जबकि, इसे करीब 1 घंटे का समय लगता। यानी कि रिचार्जिंग क्षमता दोगुनी मिली है। टीम ने पाया कि करीब 13.5 किलोमीटर लंबे इस एलिवेटेड कॉरिडोर में सिर्फ 20 एमएम बारिश में स्वर्णरेखा के धरातल में 31 लाख 10 हजार (प्रारंभिक अनुमान) लीटर पानी पहुंचेगा। ग्वालियर की औसत बारिश 724 एमएम है। ऐसे में एलिवेटेड कॉरिडोर बारिश का पानी करोड़ों लीटर की मात्रा में सहेजा जाएगा।
हार्वेस्टिंग से हर बारिश से सहेजेंगे 31 लाख लीटर से अधिक पानी
^एलिवेटेड कॉरिडोर पर वाटर हार्वेस्टिंग से सिर्फ 20 एमएम बारिश में 31 लाख 10 हजार लीटर पानी सहेजा जा सकेगा। साथ ही शहर के 5 नए आरओबी पर भी हार्वेस्टिंग कराई जाएगी। -जोगिंदर यादव, कार्यपालन यंत्री/ सेतु संभाग पीडब्ल्यूडी स्वर्णरेखा प्यासी… इसलिए 135 प्वाइंट बनेंगे, 50 फीट नीचे जाएगा पानी {स्वर्णरेखा की प्यास बुझाने के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर में हर 100 मीटर पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार होगा। इस 13.5 किमी लंबे कॉरिडोर में 135 प्वाइंट बनेंगे। हर प्वाइंट के पाइप को बोरवेल गड्ढे में जमीन के अंदर 50 फीट गहराई तक उतारा जाएगा। जिससे बारिश का पानी सीधे जमीन की सतह में पहुंचेगा। इस वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए 67 लाख 50 हजार रुपए का खर्च आएगा।
{पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने 5 जून को प्रदेश के सभी एलिवेटेड कॉरिडोर एवं फ्लाई ओवर, रेल ओवर ब्रिज को वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ने के निर्देश दिए थे। सांसद भारत सिंह कुशवाह ने निरीक्षण कर इसकी हरी झंडी दे दी है। बड़ी तैयरी… शहर में पांच आरओ बी में इस साल शुरू होगी हार्वेस्टिंग एलिवेटेड कॉरिडोर में हार्वेस्टिंग उसके निर्माण के साथ होगा। लेकिन ग्वालियर के 5 आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) में अगले कुछ महीने में हार्वेस्टिंग सिस्टम जोड़ दिया जाएगा। मल्लगढ़ा-भदरौली, यादव धर्मकांटा -शताब्दीपुरम, तानसेन नगर-रेसकोर्स रोड, एसकेवी-गांधी रोड और विवेकानंद नीड्म आरओबी में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। अगले कुछ दिन में इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी।
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