गुजरात ATS ने 24 मई को कच्छ से एक शख्स सहदेव सिंह गोहिल को गिरफ्तार किया था। सहदेव बीएसएफ और नेवी की मौजूदा सैन्य इकाइयों की फोटो-वीडियो वॉट्सएप के जरिए पाकिस्तानी एजेंट को भेज रहा था। गोहिल कच्छ के लखपत तालुका में स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर नौकरी कर रहा था। ATS के मुताबिक, जून 2023 में एक महिला ने खुद को अदिति भारद्वाज बताकर गोहिल से वॉट्सएप पर संपर्क किया था। बताया जा रहा है कि गोहिल को पहली बार संवेदनशील सूचनाएं भेजने पर 40 हजार रुपए कैश मिले थे। गोहिल फिलहाल एटीएस की रिमांड पर है। एटीएस एक-एक कड़ियां जोड़कर जासूसी की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। इस बारे में दिव्य भास्कर ने गुजरात एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी ने बातचीत की। उन्होंने संदेह जताया कि गोहिल द्वारा भेजी गई संवेदनशील जानकारी का इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कच्छ के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन हमलों के लिए किया था। पढ़िए, डीआईजी सुनीज जोशी हुई बातचीत के मुख्य अंश… पाकिस्तान ने इंडियन फोर्स के इंफ्रास्ट्रक्चर की जानकारियां मांगी थी
डीआईजी सुनील जोशी ने कहा- आमतौर पर खुफिया एजेंसी अपने जाल में फंसे व्यक्ति से यह जानकारियां मांगती हैं कि नेवी या तटरक्षक जहाज किस बंदरगाह पर खड़ा है और किस दिशा में जा रहा है। क्योंकि, ये जानकारियां उन्हें सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करती है। हालांकि, इस मामले में पाकिस्तानी एजेंसियों ने जहाज की नहीं, बल्कि कच्छ में सुरक्षा बलों की इमारतों और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की फोटो-वीडियो मांगे थे। यहां तक कि जिन महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के पास सहदेव सिंह को भेजा गया था, उनके गूगल मैप की भी जानकारी मांगी गई थी। तो क्या इससे पाकिस्तान को कच्छ में ड्रोन हमले करने में मदद मिली?
इस बारे में डीआईजी जोशी ने कहा- पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। अगले ही दिन पाकिस्तान ने गुजरात के कच्छ समेत देश के सीमावर्ती राज्यों में ड्रोन हमले शुरू कर दिए। इस बात की पूरी आशंका है कि पाकिस्तानी सेना ने सहदेव सिंह से प्राप्त जानकारी का इस्तेमाल कच्छ में ड्रोन हमले के लिए किया था। एटीएस जांच कर रही है कि सहदेव सिंह ने अब तक नेवी के कितने ठिकानों की जानकारी साझा की है। पाकिस्तान ने कच्छ में भुज और नलिया दो एयरबेसों को निशाना बनाया था। हमने नलिया के पास से एक ड्रोन का मलबा भी जब्त किया था। व्हाट्सएप की एक खामी का फायदा उठाकर पाकिस्तान में भारतीय नंबर का इस्तेमाल किया
गुजरात के बॉर्डर एरिया कच्छ के संवेदनशील इलाकों से जुड़ीं फोटोज-वीडियो भेजने के बारे में भी सुनीन जोशी ने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बचने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने वॉट्सएप की सुरक्षा खामी का फायदा उठाया था। सहदेव को जाल में फंसाने के बाद उसके नाम से एक सिम कार्ड खरीदवाकर उसे एक्टिवेट करवाया गया था। जिस नंबर पर पाकिस्तानी खुफिया जासूस ‘अदिति’ ने पाकिस्तान में बैठकर व्हाट्सएप एक्टिवेट किया। उसने व्हाट्सएप एक्टिवेट करने के लिए सहदेव से ओटीपी ले लिया था। एटीएस की जांच में पता चला है कि जब ‘अदिति’ के पास भारतीय नंबर नहीं था। पहले सहदेव और अदिति सोशल मीडिया फेसबुक/इंस्टाग्राम के जरिए ही बातचीत करते थे। अदिति को भारतीय नंबर मिलने के बाद ही व्हाट्सएप चैट, फोटो और वीडियो शेयरिंग शुरू हुई। सिम खरीदने और उसके बाद वॉट्सएप का यूज करने का सिलसिला 6-7 महीने पहले ही शुरू हुआ था। ‘अदिति’ उसी वॉट्सएप के जरिए अन्य लोगों के संपर्क में भी थी
एटीएस की जांच में यह भी पता चला है कि अदिति गोहिल के इसी व्हाट्सएप नंबर के जरिए कच्छ में अन्य लोगों के संपर्क में भी थी। यह संदेह इसलिए और पुख्ता हो जाता है, क्योंकि अदिति के कहने पर ही एक अज्ञात व्यक्ति सहदेव को जासूसी के बदले में रुपए देने वाला था। सहदेव सिंह को सूचना के बदले में 100,000 रुपए मिलने वाले थे। इनमें से गोहिल को देने के लिए 40 हजार रुपए वही अज्ञात व्यक्ति लेकर आया था। इन दोनों की मुलाकात कच्छ के दयापार में हुई थी। हालांकि, गोहिल का कहना है कि वह पैसे देने आए व्यक्ति को नहीं जानता। गोहिल से मिलने वाले उव व्यक्ति की तलाश के लिए सायबर पुलिस की भी मदद ली जा रही है। इससे एटीएस को संदेह है कि गोहिल की तरह कच्छ या आसपास के कुछ और लोग भी अदिति के जाल में फंसे हो सकते हैं। एटीएस इस दिशा में गहन जांच कर रही है। पहले भी जासूसी से जुड़ी कई जांचों में पता चला है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी डाटा प्राप्त करने के लिए सिर्फ एक जासूस पर भरोसा नहीं करतीं। वे एक ही काम के लिए कई लोगों को काम पर लगाती हैं। और यह प्रोसेस महीनों से वर्षों तक चलती है। पाकिस्तान की ‘अदिति’ को खुफिया जानकारियां दे रहा था:गुजरात का सहदेव गिरफ्तार, पैसों का लालच देकर फंसाया; सहदेव पाकिस्तानी एजेंसी के संपर्क में कैसे आया, कितने समय तक संपर्क में रहा? सहदेव को किस तरह की सूचनाएं देने का काम सौंपा गया था? इसकी विस्तृत जानकारी जानने के लिए ‘दिव्य भास्कर’ ने गुजरात ATS एसपी के सिद्धार्थ से एक्सक्लूसिव बातचीत की। पूरी खबर पढ़ें.. ये खबर भी पढ़ें… पाक जासूस ज्योति को आईआरसीटीसी करा चुका है गर्वी गुजरात यात्रा, छह महीने बाद ही पाकिस्तान गई पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को दो वर्ष पहले आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड ट्यूरिज्म कॉर्पोरेशन) गुजरात की यात्रा करा चुकी है। ज्योति मल्होत्रा गर्वी गुजरात यात्रा में भाग ले चुकी है। पूरी खबर पढ़ें…