रामदेवरा क्षेत्र में डामर सडक़ें क्षतिग्रस्त हालत में है। हालात यह है कि यहां से गुजरना मुश्किल हो रहा है, साथ ही हादसे का भी भय बना हुआ है। जबकि जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे है। जानकारी के अनुसार गांव में रेलवे स्टेशन से रावणा राजपूत धर्मशाला, रुणीचा कुंआ से रेलवे ट्रैक, पोकरण बाईपास पर बने बालीनाथ प्रवेश द्वार से रावणा राजपूत धर्मशाला तक डामर सडक़ें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हालत में है। ऐसे में यहां से आवागमन में परेशानी हो रही है। इसके साथ ही रात के समय तो यहां किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता। रामदेवरा धार्मिक स्थल होने के कारण यहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आते है। जिन्हें इन टूटी सडक़ों के कारण परेशानी से रु-ब-रु होना पड़ता है। इतना ही नहीं 200 से 300 मीटर के सफर में भी 25 से 30 मिनट तक लग जाते है। जिसके कारण आमजन का बेहाल हो रहा है। इन क्षतिग्रस्त सडक़ों की मरम्मत को लेकर जिम्मेदारों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में आमजन और यात्री दोनो की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।
सडक़ पर फैले है नुकीले पत्थर
रामदेवरा क्षेत्र की रावणा राजपूत धर्मशाला से रेलवे स्टेशन के समीप आने वाली डामर सडक़ के ऊपर नुकीले पत्थर फैले हुए है। जो न केवल वाहन चालकों के लिए बल्कि पैदल आवागमन करने वाले राहगीरों के लिए भी बेहद खतरनाक साबित हो रहे है। बावजूद इसके जिम्मेदार यहां लंबे समय से कोई डामर नही कर रहे है। गत वर्ष भादवा मेले के दौरान भी ये सडक़ डामरी करने से वंचित रही। जिम्मेदार केवल डामरीकरण का आश्वासन देते रहे। जिसके चलते लंबे समय से ये सडक़ डामर से वंचित है। नुकीले पत्थर और रेत का ढेर ही इस सडक़ पर जमा हो रखा है। जो की राहगीरों और वाहन चालकों के लिए बेहद परेशानी भरा साबित हो रहा है।
प्रस्ताव भिजवाएं हैं..
बालीनाथ गेट से रावणा राजपूत धर्मशाला होते हुए रेलवे स्टेशन तक क्षतिग्रस्त सडक़ की जानकारी है। इस पूरी सडक़ का निर्माण अटल पथ योजना में करवाया जाएगा। प्रस्ताव भेजा हुआ हैं। सडक़ के निर्माण की स्वीकृति मिलते ही कार्य करवाएंगे।
- हर्षवर्धन डाबी, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी,पोकरण